सांड़़ के हमले में घायल युवक की मौके पर दर्दनाक मौत,मचा कोहराम
सड़कों पर छुट्टा घूम रहे सांड़ो व अन्य पशुओं से लोगों को आवागमन में भारी दिक्कत, जिम्मेदार बेखबर
गोण्डा। जिले के सभी तहसील क्षेत्रों के विभिन्न कस्बों व ग्रामीण इलाकों में हर तरफ मौजूद आवारा सांड़ो व अन्य छुट्टा पशुओं के आतंक से जहाँ स्थानीय किसान परेशान हैं वहीं सड़कों पर इनकी भारी संख्या मे मौजूदगी हर दिन और रात आवागमन को बाधित करती है। आये दिन लोग इनके हमले से चोटिल हो रहे हैं और वाहनों से इनके टकराने से दुर्घटनाये भी हो रही हैं। जिले मे सिर्फ कागजो में छुट्टा जानवर पकड़े जा रहे हैं। बता दें कि सरकार लाखों रूपये गौशालाओ पर यहाँ खर्च कर रही है, लेकिन इनकी संख्या सभी कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों मे पहले की तरह बरकरार है। स्थानीय लोगों का कहना है की सड़कों व कस्बों, गांवों से इनको पकडकर गौशाला मे भेजने का सरकारी फरमान यहाँ सिर्फ कागजों मे चल रहा है और इनके आतंक से हर कोई परेशान है। इससे जहां राहगीरों को आवागमन में भारी दिक्कत हो रही है वहीं किसानों को भी फसलों का काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी बेखबर हैं। जिसके जीते जागते उदाहरण के तौर पर इटियाथोक में सड़कों पर छुट्टा घूम रहे सांड़ो के हमले में घायल युवक की मौके पर दर्दनाक मौत होने का मामला सामने आया है।
इटियाथोक थाना क्षेत्र के गोंडा बलरामपुर राजमार्ग स्थित गांधी चबूतरा बाजार के समीप सड़क पर लड़ रहे सांड़ों के हमले से बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे में युवक की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मिली जानकारी के अनुसार मृतक मुकीम (32) बिहार राज्य के वैशाली जिले के बस्ती गांव का निवासी है। थाना क्षेत्र के गांधी चबूतरा चौराहे पर पंचर की दुकान चला रहा था। मंगलवार की रात मुकीम खाना खाने के लिए इटियाथोक कस्बे में गया था। वापस लौटते समय इंडियन बैंक देवतहा के पास दो छुट्टा सांड आपस में लड़ रहे थे। मुकीम ने लड़ रहे सांड़ों के बीच से बाइक निकालने की कोशिश की तभी एक सांड़ ने उस पर हमला कर दिया। हिंसक सांड़ के प्रहार से मुकीम लहूलुहान हो गया और कुछ देर बाद घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।
घटना से भयभीत और आक्रोशित लोगों को कहना है कि यदि समय रहते सड़क पर घूम रहे छुट्टा मवेशियों को गौशालाओं में संरक्षित करा दिया गया होता तो आज यह खौफनाक मंजर देखने को नहीं मिलता। विभागीय लापरवाही का आलम यह है की गोण्डा- बलरामपुर मार्ग समेत इटियाथोक- खरगुपुर मार्ग और इटियाथोक - बाबागंज मार्ग के साथ ही जिले के गोंडा लखनऊ राजमार्ग, कर्नलगंज- नवाबगंज मार्ग, कर्नलगंज से कटरा आर्यनगर मार्ग व कर्नलगंज-हुजूरपुर मार्ग सहित विभिन्न क्षेत्रों के सभी सड़कों पर व कस्बों एवं गांवों में इन छुट्टा सांड़ों व अन्य जानवरों के झुण्ड को कहीं भी देखा जा सकता है।