डीएम साहिबा गौर कीजिए, सीएमओ व सीएचसी कर्मी में से कौन बोल रहा झूंठ


स्वास्थ्य विभाग में बैनर में किए गए घोटाले की खुली पोल

गोण्डा। एक तरफ सीएमओ डॉक्टर रश्मि वर्मा द्वारा अनियमितता पर पर्दा डालने हेतु 20 अगस्त को दूरभाष पर संवाददाता से बताया गया कि हमने स्वयं नाप लिया है और बैनर का साइज 06 फिट लम्बा एवं चौड़ाई 03 फिट से तीन इंच कम है। जबकि सीएचसी पंडरी कृपाल के एचएस अनुराग श्रीवास्तव सहित क्षेत्रवासियों द्वारा 21 अगस्त को सीएचसी पंडरी कृपाल में लगे बैनर को इंची टेप से नापा गया तो उसकी लम्बाई पांच फिट और चौड़ाई ढाई फिट ही निकली। जिसका वीडियो भी मीडिया कर्मियों ने मौके पर बनाया। जिससे स्पष्ट है कि सीएमओ डाक्टर रश्मि वर्मा झूठ बोल रही है अथवा उन्होंने जांच में दिखाने के लिए अपने अलग से आर्डर देकर बड़े साइज का 02- 04 बैनर बनवा लिया है। जबकि समस्त 1322 बैनरों को 6 फिट लम्बा और ढाई फिट चौड़ा होना चाहिए। सीएचसी पण्डरीकृपाल के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा नापकर बैनर का साइज़ बताने के बाद विभागीय भ्रष्टाचार उजागर हो चुका है। इसमें सीएमओ रश्मि वर्मा का हाथ है या नहीं ये तो जांच का विषय है लेकिन सीएमओ का यह बयान कि उन्होंने खुद नापा है और मात्र चौड़ाई 3 इंच कम है जो यह साबित करता है कि कहीं न कहीं इस भ्रष्टाचार की जानकारी उन्हें अवश्य थी। वहीं लोगों में चर्चा है कि समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कम साईज वाले बैनर भेजे गए हैं। यही नहीं मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद फुल साइज का एक बैनर कलेक्ट्रेट जाने वाले मुख्य द्वार पर दिखावे के लिए लगा दिया गया है। अब देखना है कि जिलाधिकारी की नजर इस बैनर घोटाले पर पड़ती है या नहीं अथवा सरकारी धन के बंदरबांट का यह खेल जिम्मेदारों के संरक्षण में चलता रहता है।

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