गोण्डा। एक तरफ योगी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने हेतु बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ आरआई द्वारा सारे नियम कानून कायदे को दरकिनार किए जाने के बावजूद भी आरटीओ प्रशासन द्वारा कार्यवाही न किए जाने से कई सवाल पनप रहे हैं।
गोण्डा का आरटीओ कार्यालय सुधरने का नाम नहीं ले रहा है,विभाग लाख दावा करें कि आरटीओ ऑफिस में कोई भी दलाल नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि बिना दलालों के यहां का कोई काम नहीं होता, परिवहन विभाग के लिपिक लवकुश की मिलीभगत से दलाल लर्निंग और परमानेंट लाइसेंस, फिटनेस सहित अन्य कार्याे के लिए 8 से 10 गुना फीस वसूल रहे है जिसमे में से इनको हिस्सा जाता है। सूत्रों की मानें तो जिस कुर्सी पर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को बैठना चाहिए था वहाँ सिर्फ दलाल बैठा करते हैं और अपना निजी कार्य करते हैं।
जिससे आप साफ अंदाज़ा लगा सकते है विभाग की क्या स्थिति है। आरटीओ विभाग दलालों के कारण अवैध वसूली का अड्डा बन गया है यहां पर खुलेआम वसूली की जाती है और बगैर लिए-दिए कोई काम हीं नहीं होता। समस्या लंबे समय से है और इस पर लगाम नहीं लगी है। जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी है लेकिन वे भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। गोण्डा जिले के परिवहन विभाग में लवकुश सिंह जो वहाँ पर लिपिक के पद पर कई सालों से तैनात है।
लिपिक लवकुश सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे एक दलाल जो एक व्यक्ति के वाहन ट्रांसफर कराने का ठेका लिया था जब दलाल कॉउंटर पर गया तो वहाँ पर पहले से मौजूद लिपिक लवकुश को पैसे देने की बात दलाल कर रहा है कि हमारा उनका लेन देन चलता रहता है वो हमारे नातेदारी में आते हैं। लवकुश सिंह से कई दलालो के साथ साठगांठ है जिसके चलते प्रतिदिन तमाम लाइसेंस बिना मोटर ट्रेनिंग के पास हो जाते हैं। वहीं आरटीओ विभाग में हो रहे अवैध वसूली और बड़े पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार की जानबूझकर जिम्मेदार आला अधिकारी भी अनदेखी कर रहे हैं जिससे उनकी भी इसमें संलिप्तता नजर आ रही है।