पीड़ित ने मुकदमे के विवेचक दरोगा मनीष कुमार पर लगाया गंभीर आरोप।
डीआईजी, एसपी सहित अन्य उच्चाधिकारियों से विवेचना ट्रांसफर करने की हुई मांग।
कर्नलगंज, गोण्डा। तहसील क्षेत्र के ग्राम पिपरी राउत परगना पहाड़ापुर निवासी एक मृतक व्यक्ति के स्थान पर दूसरे व्यक्ति को खड़ा करके जालसाजों द्वारा कूटरचना,धोखाधड़ी कर जमीन बैनामा कराने और तहसीलदार न्यायालय में कर्मचारियों से मिलीभगत कर पत्रावली से अभिलेख गायब कर फर्जी आदेश पारित कराकर खतौनी में अंकना कराने एवं भूमि हड़पने के प्रयास के मामले में डीआईजी देवीपाटन परिक्षेत्र गोंडा के द्वारा काफी जांच कराए जाने के बाद कोतवाली कर्नलगंज में दर्ज कराये गये मुकदमे में पीड़ित द्वारा तमाम साक्ष्य विवेचक को उपलब्ध कराने के बावजूद साढ़े तीन महीने बीतने को हैं लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। पीड़ित ने विवेचक मनीष कुमार उपनिरीक्षक पर अभियुक्तों से मिलीभगत कर अनुचित लाभ लेकर उन्हीं के पक्ष में बात करने और अभियुक्तों के दबंग प्रभावशाली पैसे वाले व्यक्ति होने से उन्हीं के दबाव में निष्पक्ष विवेचना ना करने का गंभीर आरोप लगाते हुए डीआईजी, डीएम,एसपी सहित अन्य उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर विवेचना ट्रांसफर किए जाने की मांग की है।
पीड़ित श्यामफूल पुत्र सुखदेव निवासी ग्राम पिपरी राउत परगना पहाड़ापुर ने डीआईजी एवं एसपी सहित संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम को दिये गये प्रार्थना पत्र में कहा है कि थाना कोतवाली करनैलगंज में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या- 247/2023 धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी में मामले का वह वादी है। उक्त मुकदमा 10/05/2023 को संबंधित कोतवाली करनैलगंज में पुलिस उपमहानिरीक्षक देवीपाटन परिक्षेत्र गोंडा के द्वारा काफी जांच कराए जाने के बाद पंजीकृत हुआ था,जिसकी विवेचना एस०आई० मनीष कुमार थाना कोतवाली करनैलगंज द्वारा समादित की जा रही है। उक्त मुकदमे में वह तमाम साक्ष्य विवेचक को दे चुका है फिर भी वादी मुकदमा उपरोक्त में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। ऐसे में उसको पूरा भरोसा हो चुका है कि विवेचक द्वारा अभियुक्तगण से अनुचित लाभ लेकर उन्हीं के पक्ष में बात करते हैं और उक्त मुकदमे में वांछित अभियुक्त राकेश तिवारी जो तहसील करनैलगंज में वकालत करते हैं और दबंग प्रभावशाली पैसे वाले व्यक्ति हैं उन्हीं के दबाव में विवेचक निष्पक्ष विवेचना नहीं कर रहे हैं। अफवाहन पता चला है कि उक्त विवेचक अभियुक्तगणों से पैसा लेकर मिल चुके हैं। ऐसी स्थिति में उक्त मामले की निष्पक्ष विवेचना एस०आई०टी० या क्राइम ब्रांच से कराया जाना न्यायसंगत बताते हुए पीड़ित ने विवेचना ट्रांसफर किए जाने की मांग की है।