कागज़ी गौशाला बन रही हैं अन्नदाता किसानों के लिए मुसीबत


छुट्टा जानवरों से फसलों को बचाने के लिए खेतों में ही रात काटने को मजबूर हैं किसान

अन्नदाता किसानों के लिए छुट्टा पशु बने मुसीबत, सर्द रात बनी सिरदर्द

कहीं कागजों में संचालित हो रही गौशाला तो कहीं गौशालाओं में पर्याप्त चारा भूसा और जगह का अभाव होने के साथ ही भारी अव्यवस्था बरकरार

गोण्डा। "तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर यह आंकड़े झूंठे हैं और दावा किताबी है। जनकवि अदम गोंडवी जी की यह कविता अन्नदाता कहे जाने वाले जिले के किसानों की छुट्टा पशुओं की गंभीर समस्या पर सटीक बैठ रही है। जिले के आला अधिकारी और नेता क्या जाने कि किसान किस तरह दिन रात कड़ी मेहनत करके अपनी फसल उगाते हैं और घर तक कैसे ले जाते हैं। आपको बता दें कि फसलों को छुट्टा जानवरों से बचाने के लिए किसानों की रात खेतों में ही कट रही है। वहीं योगी सरकार के लाख दावे के बाद भी किसानों को छुट्टा जानवरों से निजात नहीं मिल पा रही है। मालूम हो कि काफी संख्या में छुट्टा पशु जिस खेत में जाते हैं,वहां की फसल चौपट कर देते हैं। इससे किसानों की खून पसीने की गाढ़ी कमाई चंद घंटों में तबाह हो जाती है। ऐसे में मेहनत कर खेत में लगी हरी भरी फसल को किसान किसी भी हालत में नुकसान नहीं होने देना चाहते हैं और फसलों को बचाने के लिए भीषण हांड़कंपाऊ ठंड भरी रातों में ही किसान अपने खेत में रहकर हरी भरी फसलों की रखवाली करने पर मजबूर हैं। जबकि इस समय जिले का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस के आसपास बताया जाता है। इससे ठंड भी काफी पड़ रही है। जिले के तहसील क्षेत्र कर्नलगंज के अन्तर्गत विकास खंड कर्नलगंज, हलधरमऊ, कटरा बाजार, परसपुर सहित कस्बा कर्नलगंज व कटरा बाजार के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खेत में सर्द भरी रातें काट रहे हैं,तब भी उनकी फसल की सुरक्षा पूरी तरीके से नहीं हो पा रही है और मौका पाते ही छुट्टा पशु खेतों में घुसकर भारी मात्रा में फसल नष्ट कर देते हैं। बताते चलें कि ठंड इतनी पड़ रही है कि किसान काफी हैरान परेशान हैं। वहीं किसानों का कहना है कि जब इस समय छुट्टा पशुओं से फसलों की सुरक्षा कर लेंगे तभी करीब पांच से छह माह बाद उनके घर पर बचा खुचा अनाज किसी तरह पहुंच सकेगा। यही नहीं सुरक्षा ना करने और थोड़ी सी चूक होने पर ना उनकी फसल बचेगी और न ही अनाज घर पहुंच पायेगा। ऐसे में इस समय वह अभी कड़ाके की सर्द भरी रात और हवाओं के बीच खेत में ही रुकने को मजबूर हैं और रतजगा कर रहे हैं। इसके लिए कुछ भी समस्या हो लेकिन खेत में रात कटनी मजबूरी है। कमोवेश यही हाल अन्य तहसील व विकास खंड के किसानों का भी है। जहाँ गांवों में किसान फूस के मचान बनाकर रात काट रहे हैं, तब जाकर बड़ी मुश्किल से उनकी फसल बच रही है।

अलाव के सहारे काट रहे रात,कर रहे रतजगा।

तहसील क्षेत्र कर्नलगंज के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में किसान रात को अपने खेत की रखवाली करते देखे जा रहे हैं। रात में रोशनी देखने पर किसान उठ गए और पूछने पर किसानों ने बताया कि इस ठंड में फसलों को बचाने के लिए अलाव ताप रहे हैं। पूरी रात जागने के साथ ही अलाव तापते हुए रात कट रही है तब जाकर उनकी फसल किसी तरह बचती है। वहीं आला अधिकारी व जन प्रतिनिधि सब कुछ जानते हुए मौन साधे हुऐ हैं और इस गंभीर समस्या का धरातल पर ठोस निराकरण एवं प्रबंध नही किया जा रहा है जिससे पीड़ित किसानों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

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