गौशाला में संरक्षित कराने के बजाय छोड़ने का दबाव बनाये जाने का ग्रामीणों ने लगाया आरोप
कर्नलगंज, गोण्डा। तहसील क्षेत्र में बेसहारा छुट्टा पशुओं से क्षेत्र के किसान काफी परेशान हैं, जिससे पशुओं का जीवन संकट मय होने के साथ ही किसानों का खेती करना दुश्वार होता जा रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों का कार्य केवल कागजों तक सीमित है और किसानों को इस गंभीर से छुटकारा नहीं मिल रहा है।
आपको बता दें कि संपूर्ण जिले में भारी संख्या में छुट्टा घूम रहे बेसहारा पशुओं को संरक्षित करने के लिए जिलाधिकारी उज्जवल कुमार द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे किसानों के साथ ही बेसहारा पशुओं की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। क्षेत्र में घूम रहे बेसहारा पशुओं का झुंड किसानों के खेतों में लगी फसल को प्रायः भारी मात्रा में बरबाद कर रहा है।
जिससे मजबूर होकर किसान उन्हें इकट्ठा करके गौशाला में संरक्षित कराने कि याचना अधिकारियों से कर रहे हैं,लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। ग्राम बसेरिया निवासी क्षेत्र पंचायत सदस्य रामबचन तिवारी ने बताया कि उनके ग्राम पंचायत के किसान अपनी फ़सल बचाने के लिए लगभग 100 से अधिक बेसहारा छुट्टा पशुओं को इकट्ठा करके विकास विभाग व प्रशासन को सूचित करते हुये चारा भूसा का इंतजाम कर रहे हैं। मगर उन्हें गौशाला में संरक्षित कराने के बजाय छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है। वहीं प्रधान प्रतिनिधि नकहरा महेश गुप्ता ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा स्कूल परिसर में करीब 100 से अधिक पशुओं को एकत्र किया गया था।
जिन्हें पुनः छोड़वा दिया गया है। उन्होंने बताया कि अतरसुइया स्कूल पर भी ग्रामीणों द्वारा पशुओं को एकत्र किये जाने की सूचना मिली है। इस तरह कमोवेश सभी ग्राम पंचायत के किसान पशुओं से परेशान हैं। इस संबंध में संयुक्त खंड विकास अधिकारी कर्नलगंज श्रीकांत तिवारी ने बताया कि गौशाला में जगह नहीं बची है। फिर भी ग्राम पंचायत अधिकारियों को तीनों गांवों में भेजकर कोई व्यवस्था करवायी जा रही है।