पहाड़ापुर में सरकारी भूमि पर कब्जेदारी को लेकर हुआ खूनी संघर्ष


कटरा बाजार, गोण्डा। स्थानीय थाना क्षेत्र के पहाड़ापुर पुलिस चौकी से कुछ ही दूरी पर पड़ी सरकारी (बंजर) भूमि पर कब्जेदारी को लेकर बुधवार को दो पक्ष भिड़ गए। जिसमें दोनों पक्ष से कई लोग जख्मी हो गए। वहीं दोनों पक्ष से लोगों के चोटिल होने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई में जुट गई । 


प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार को एक पक्ष द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने की नियत से फूस का मड़हा रखने के मामले ने तूल पकड़ लिया और देखते ही देखते मामला मारपीट में तब्दील हो गया। जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर खूनी संघर्ष होता रहा। हालांकि दोनों पक्ष से लोगों के चोटिल होने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तब मामला शांत हुआ। पुलिस दोनों तरफ से मामला दर्ज करने की बात कह रही है। एक पक्ष की ओर से अनिल कुमार श्रीवास्तव पुत्र साधू सरन ने तहरीर देकर आरोप लगाया है कि चुनावी रंजिश के चलते प्रधान पति अनिल कुमार पुत्र द्वारिका प्रसाद व संतोष कुमार, अब्दुल रउफ, इब्राहिम उर्फ अन्नू के साथ अन्य कई लोगों ने लाठी डंडे व धारदार हथियार से हमला कर दिया। जिसमें अनिल कुमार श्रीवास्तव व रवीन्द्र कुमार घायल हो गए। वहीं दूसरे पक्ष के प्रधान प्रतिनिधि के भाई संतोष श्रीवास्तव का आरोप है कि पुलिस तीन बार तहरीर बदलवा चुकी है। अपने अनुसार तहरीर लिखने का दबाव बनाया जा रहा है। 

विश्वस्त सूत्रों की मानें के तो चौकी प्रभारी पहाड़ापुर अभिषेक मिश्रा के मिलीभगत से प्रधान पति अनिल श्रीवास्तव द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कराया जा रहा था,जिसका अनिल कुमार श्रीवास्तव पुत्र साधू सरन व अन्य लोगों के द्वारा विरोध करने पर मारपीट शुरू हो गई। जिसमें अनिल कुमार, सुनील कुमार, रवींद्र, राकेश, परवीन कुमार को काफी चोटें आयी हैं। यही नहीं बाद में चौकी प्रभारी ने भी पहुंचकर पीड़ित प्रथम पक्ष अनिल कुमार, सुनील कुमार, रवींद्र, राकेश, परवीन कुमार को मारा तथा थाने पर ले जाकर बैठा दिया। वहीं पीड़ितों ने थाना प्रभारी कटरा बाजार को सूचना दी लेकिन थाना प्रभारी ने अवैध कब्जा कर रहे प्रधान के पति अनिल कुमार श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, अब्दुल रऊफ, इब्राहिम उर्फ अन्नू सांईं की गिरफ्तारी नहीं की गई। 

इस संबंध में पहाड़ापुर चौकी प्रभारी अभिषेक मिश्रा का कहना है कि दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में अब गंभीर सवाल यह उठता है कि पहाड़ापुर पुलिस चौकी के करीब ही मुख्य चौराहे पर काफी देर तक संघर्ष चलता रहा और दोनों पक्ष से लोगों के चोटिल होने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची,यह सवाल लोगों के दिमाग को झकझोर रहा है। वहीं पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लगा दिया है। फिलहाल क्या सही है और क्या गलत यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।

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