पीड़ित के खिलाफ उच्चाधिकारी को गुमराह कर दर्ज कराया गया मुकदमा

एसपी ने पीडित को दिया न्याय का भरोसा और जांच के आदेश

गोण्डा। जनपद के पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर के लाख प्रयास के बावजूद षड्यंत्रकारी पुलिस को गुमराह कर फर्जी मुकदमा दर्ज कराने से बाज नही आ रहे। ऐसा ही एक मामला जनपद के इटिंयाथोक से सामने आया है। जबकि इस मामले में एक दिन पूर्व ही एक न्यूज पोर्टल में 10-01-2023 को एक खबर प्रकाशित हुई थी जिसका शीर्षक-एक महिला ने कानून का दुरुपयोग कर जालसाजी करके लाखों रुपए वसूल लिए व जमीन हड़पने के लिए कर रही है पूरा प्रयास,छेड़छाड़ व रेप के मामले में फंसाने की  बार-बार दे रही धमकी। पीड़ित व पीड़ित का परिवार सदमे में। प्रकाशित हुआ था।  जिसमें एक महिला पीडित के मकान में किराये पर रहती है जिसके पति का लाकडाउन में देहावसान हो गया था।

फिर भी उक्त महिला लगभग बीस माह से किराये के मकान में रह रही और किराया नही दे रही है। मकान जर्जर होने की स्थिति में पीड़ित की पत्नी ने 15 दिन पूर्व मकान खाली करने को कहा था। जिससे विपक्षी महिला मकान न खाली करना पड़े इसके लिए षड्यंत्र के तहत फर्जी इकरार नामा के द्वारा जमीन हड़पने का प्रयास कर रही है। जबकि उक्त महिला द्वारा पूर्व में लगभग 26 दिसम्बर 2022 के आसपास आईजीआरएस संख्या 20018322022522 के माध्यम से पुलिस अधीक्षक गोण्डा को की गयी शिकायत में जांच अधिकारी ने जांच के दौरान लिखा कि पत्र में आवेदिका द्वारा प्रार्थना पत्र में लगाए गये अन्य आरोपो की जांच में पुष्टि नही होती है। इसके बावजूद भी कुछ षड्यंत्रकारी लोगो ने पुलिस को गुमराह कर पीड़ित पवन कुमार द्विवेदी के खिलाफ अपराध संख्या 0018/23 मुकदमा संख्या 406,354 अ ,504,505 दर्ज करा दिया। जिसमें षड्यंत्रकारी महिला ने इकरारनामा के आधार पर पूर्व में नोटिस दिये जाने की बात कही है। जबकि पीड़ित पवन कुमार द्विवेदी के अनुसार इस मामले में कभी कोई नोटिस नही मिला हुआ है बताया जा रहा है।

महिला षड्यंत्रकारी द्वारा मकान न खाली करना पडे इसके लिए एक षड्यंत्र के तहत फर्जी इकरार नामा में गाटा संख्या 582/4.403 हेक्टयेर भूमि में 0.202 हेक्टेयर भूमि दो लाख रूपये में बिक्री करना दर्शाया गया है और एडवांस के तौर पर एक लाख पचास हजार रूपये भुगतान दिखाया गया है। जबकि एक हेक्टर में 12.5 बीघा होता है। उस हिसाब से कुल जमीन का रकबा 2525 बीघा हुआ जबकि उक्त गाटा संख्या की जमीन मात्र 54.93 के लगभग बीघा ही है और उसमें से भी उनके हिस्से में मात्र आधा ही मिलना है। यही नही षड्यंत्रकारी महिला ने आईजीआरएस शिकायत पत्र में 4 वर्ष पूर्व अपने पति व बच्चों के साथ किराये के मकान में रहना दिखा रही है। जबकि इकरार नामा में दर्शाये गये तथ्यों के अनुसार इकरारनामा 9 जुलाई 2018 को दर्शाया गया है। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या उक्त षड्यंत्रकारी महिला द्वारा मकान किराये पर लेते ही तुरन्त इकरार नामा कर दिया गया था ? और दूसरी बात उक्त षड्यंत्रकारी महिला द्वारा घटना दिनांक 04/01/2023 समय करीब शाम लगभग 6 बजे दर्शाया गया है। 

तो ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि जब इतनी बडी घटना हुई तो क्या इस घटना की जानकारी पास-पडोस के लोगों को नही हुई और ना ही उक्त षड्यंत्रकारी महिला ने मदद के लिए तत्काल महिला हेल्पलाइन या डायल 112 से सम्पर्क किया या उक्त षड्यंत्रकारी महिला ने घटना की सूचना स्थानीय थाने में नही दी ? जबकि घटना होने से कई दिन पूर्व में ही आईजीआरएस को शिकायत किया जा चुका था ? जो एक जांच का विषय है। उक्त महिला षड्यंत्रकारी द्वारा पुलिस के उच्चधिकारी को गुमराह कर फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिये जाने पर पीडित पवन कुमार द्विवेदी ने पूरे मामले की सूचना जनपद के पुलिस अधीक्षक गोण्डा से मिलकर अवगत कराया। जिसमे पुलिस अधीक्षक ने पीडित को यह आश्वासन दिया कि मामले की जांच कराकर अवश्य न्याय दिलाया जायेगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.