जनपद के आला अधिकारी पहुंचे सफीपुर निष्पक्ष जांच करने और हो रहा महात्मा गांधी इंटर कॉलेज पीरजादगान की भूमि पर अवैध निर्माण को रोका हसनैन बकाई से मांगे अभिलेख नहीं दिखा पाए कोई भी अभिलेख
अगर हुई निष्पक्ष जांच तो चलेगा सफीपुर में अवैध निर्माण पर बाबा का बुलडोजर
सफीपुर तहसील का बेशकीमती नक्शा जोकि चुरा लिया गया है घुसपैठ करके राजस्व के बहुत सारे अभिलेख गायब कर दिए गए हैं अगर यह गिरोह किसी तरह पकड़ लिया गया तो काफी अभिलेख नक्शा मिल सकता है प्रशासन को चाहिए ऐसे गिरोह को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम करें
अधिकारियों के साथ घुसपैठ कर सरकारी /अर्ध सरकारी जमीनों पर आपस में नूराकुश्ती कर कब्जा करते है फिर बटवारा कर लेते है।
सफीपुर नगर में अपराधिक पृष्ठभूमि वाले भूमाफियाओं का एक गिरोह है जो स्थानीय अधिकारियों के साथ घुसपैठ कर सरकारी /अर्ध सरकारी जमीनों पर आपस में नूराकुश्ती कर कब्जा करते है फिर बटवारा कर लेते है कई बार जमीन कब्जे की परिणिति में इन भूमाफियाओं के बीच तथाकथित गोलीबारी हुई फिर आपस में दुरंभसंधि कर समझौता हो जाता है...ताजा मामला हाल में ही आल इंडिया सूफ़ी सज्जादानशीन काउंसिल के महामंत्री एवम उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज के स्थानीय अल्पसंख्यक मामलो के प्रतिनिधि हसनैन बकाई एवम उनके भाई के ऊपर हुए हमले की पीछे की पृष्ठभूमि में भी सरकारी जमीन के कब्जे की बू आ रही है ..नगर के किला बाजार में पूर्व में जिला पंचायत के अधीन एक भूखंड में महात्मा गांधी इंटर कालेज संचालित होता था जो अब मियागंज रोड पर स्थांतरित हो गया जिससे यह भूखंड खाली हो गया जिसे जिला पंचायत के अधीन वाले इस भूखंड को तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष रहे स्मृतिशेश बाबू गया सिंह के कार्यकाल के दौरान मुस्लिम धर्म गुरु वलीउल्ला बकाई ने अपने नाम मासिक किराए पर लीज पर ले लिया धीरे धीरे मुस्लिम धर्म गुरु वलीउल्ला की नियत इस भूखंड एवम आसपास की जमीन जो वेशकीमती हो गई है पर खराब हो गई उन्होंने इस पर कब्जे का तानाबाना बुना और विगत कुछ माह पूर्ण निर्माण कराया जाना शुरू किया जिसमे परोक्ष रूप से बताया जाता है उस समय कब्जे के दौरान नगर के ही दूसरे धर्मगुरु बाबर सफवी ने अपनी जमीन बताकर विवाद शुरू कर दिया तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में मामला आया निर्माण रोक दिया गया बाद में दोनो पक्षों में आपस में समझौता कर लिया और जो जमीन सरकारी वह हमारी और तुम्हारी की तर्ज पर आपस में बटवारा कर लिया जिला पंचायत जिसकी जमीन थी उसके अधिकारी कर्मचारी भी इस आपसी समझौते में लिप्त हो गए और मूकदर्शक बन गए ।
यही से खुन्नस नसीम एवम वली उल्ला पक्ष के खुन्नस शुरू हो गई...इस बीच वलीउल्ला को अपने लडके हसनैन के माध्यम से सत्ता एवम सांसद साक्षी महाराज का संरक्षण मिल गया उन्होंने उसे अपना अल्पसंख्यक मामलो का प्रतिनिधि भी नियुक्ति कर दिया ...इस सरकारी जमीन कब्जियाने के मामले में एक अन्य भूमाफिया की भी सक्रिय भूमिका बताई जाती है जिसने अपने ऊपर विगत 2017 में हुए जानलेवा हमले में भी नगर पंचायत अध्यक्ष नसीम अहमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमे बाद में हुए समझौते की तर्ज पर ही फाइनल रिपोर्ट लगाई गई थी लेकिन मामला बिगड़ने पर न्यायालय में वादी पक्ष के जरिए प्रोटेस्ट के जांच दुबारा शुरू हुई है ऐसा बताया जाता है ...जानकर बताते है बेशकीमती जमीन को लेकर ही असली विवाद की जड़ है
..सत्ता एवम सांसद के परोक्ष समर्थन के चलते सरकारी जमीन पर हो रहे कब्जे को प्रशासन मूकदर्शक बनकर देख रहा है ....नगर की सरकारी जमीनों पर हुए अथवा हो रहे सरकारी जमीनों की यदि एसआईटी जांच हो तो पूर्व एवम वर्तमान के अनेक जमीन घोटाले एवम भूमाफियाओं के गैंग का खुलासा हो सकता है...बताया जाता है विगत कई वर्ष पूर्व नगर पंचायत का असली नजरी नक्शा इस भूमाफिया गैंग ने गायब कर दिया था इन भूमाफिया गैंग में शामिल एक शख्स के ही पास है जिसके जरिए अभिलेखागार में हेराफेरी कर यह भूमाफिया जमीन हड़पने का अभियान चलाए है जिसमे प्रशासनिक अमले की भी साठगांठ रहती है।
अब बड़ा सवाल यह है क्या सरकार अपनी जमीन इन दबंगों से छीन पाती है या फिर पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।