एमपी अजब शिक्षा विभाग गजब जिला शिक्षा विभाग छतरपुर में यहाँ पति के लिये अलग नियम, पत्नी के लिये अलग नियम- संयुक संचालक मनीष वर्मा के संरक्षण में हो रहा सारा भ्रष्टाचार
छतरपुर जिले में जनसुनवाई व सीएम हेल्प लाइन में अधिकारी कर रहे खानापूर्ति
कहते है कि एमपी अजब है, यह बात एकदम सही है बल्कि साथ में कहना चाहिये कि इसका शिक्षा विभाग गजब है l यहाँ एक ही पद से सेवानिवृत्त पति के अर्जित अवकाश का नकदीकरण एक नियम से होता है बाद में उनकी पत्नी के अवकाश का नकदीकरण दूसरे नियम से हुआ है।
दर असल मध्य प्रदेश शासन के प्रत्येक कर्मचारी का रिटायरमेंट के बाद अर्जित अवकाश का नकदीकरण वित्त विभाग द्वारा जारी गणना पत्रक द्वारा किया जाता है तथा वर्षो से उसी नियम से सभी प्राचार्यो का उसी नियम से होता आ रहा है l छतरपुर जिले में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी सन्तोष शर्मा, वर्तमान में जिला शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्र द्विवेदी व वर्तमान संयुक्त संचालक मनीष वर्मा द्वारा सभी प्राचार्यो का इसी नियम से किया जाता रहा है l परन्तु कुछ प्राचार्यो से अपेक्षित सुविधा शुल्क न मिलने से जिला शिक्षा अधिकारी ने वित्त विभाग के गणना पत्रक में कूट रचित एक कॉलम जोड़कर कि जो उनकी शैक्षणिक अवधि है उसको गणना में नहीं लिया जाएगा। यह उनका अपना मध्य प्रदेश में इकलौता नियम है।
हैरानी की बात देखो इस भ्रष्ट कारनामें की कई बार सीएम हेल्पलाइन व जनसुनवाई में शिकायत हुई परन्तु 2 वर्ष से भ्रष्टाचारी लगातार वरिष्ठ कार्यालयों को गुमराह करने में सफल रहे हैं l
अगले अंक में हम बताएंगे कि कैसे छतरपुर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मामा जी शिवराज सिंह जी की बहनों से अभद्रता करने में लगा हुआ है।