कर्नलगंज, गोण्डा। उपजिलाधिकारी हीरालाल एवं तहसील प्रशासन के कार्य शैली से त्रस्त अधिवक्ताओं ने संयुक्त अधिवक्ता मंच के बैनर तले सोमवार को उप जिलामजिस्ट्रेट न्यायालय के सामने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। साथ ही नारेबाजी करते हुये राज्यपाल को संबोधित पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सौंपा है।
अधिवक्ताओं द्वारा दिये गए ज्ञापन में कहा गया है कि तहसील में भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी व्याप्त है। मुकदमों में जनप्रतिनिधियों का हस्तक्षेप बढ़ गया है, जिससे न्याय प्रणाली प्रभावित हो रही है। न्यायालय पर प्रचलित मुकदमों में जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप रोकने, पीठासीन अधिकारी को कोतवाली/थानों पर जाकर अभियुक्तों को जेल भेजने की कार्रवाई करने पर प्रतिबंध लगाने, न्यायालय पर ही अभियुक्तों को जमानत देने व जेल भेजने की कार्रवाई करने, तहसील के अधिकारियों के चैंबर में फर्जी लोगों का जमावड़ा लगाने पर रोंक लगाते हुये अधिवक्ताओं को सम्मान पूर्वक बैठने के लिये व्यवस्था करने, उच्च न्यायालय के आदेशों/निर्देशो का पालन करने, न्यायालय पर विचाराधीन पत्रावलियों में जन प्रतिनिधियों के हस्तक्षेप रोकते हुये गुण दोष के आधार पर निर्णय करने की मांग की गई है। अनशन पर बैठे अधिवक्ता हृदयनरायन मिश्र ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नही होगी तब तक अनशन जारी रहेगा। संघ के मंत्री बाबादीन मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष संजय मिश्र, पूर्व मंत्री सूर्यकांत तिवारी, अरविन्द शुक्ल, त्रिलोकीनाथ तिवारी, श्यामधर शुक्ल, करमचंद मिश्र सहित अनेकों अधिवक्तागण मौजूद रहे।