व्याप्त गंभीर अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के संबंध में निरीक्षण के दौरान मिली भारी गड़बड़ी के पश्चात दो-दो अधिकारियों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर भी कार्यवाही शून्य
कर्नलगंज, गोण्डा। स्थानीय तहसील मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय करनैलगंज में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के संबंध में उपजिलाधिकारी के निर्देश पर नायब तहसीलदार द्वारा बीते शुक्रवार 22 अप्रैल को किये गये निरीक्षण की रिपोर्ट व समाचार का संज्ञान लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोंडा ने विद्यालय पहुंचकर जांच करने के बाद बड़े पैमाने पर मिली भारी गड़बड़ी और गंभीर अनियमितताओं के क्रम में बीते सप्ताह वार्डेन व लेखाकार से स्पष्टीकरण तलब करते हुए कार्यवाही की चेतावनी दिये जाने और मामले में उपजिलाधिकारी सहित दो दो अधिकारियों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर अभी तक कार्यवाही शून्य है और बच्चों का निवाला डकारते हुऐ मनमानी कर सरकारी धन का बंदरबांट करने वाले जिम्मेदारों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है जो चर्चा का विषय बना है।
प्रकरण तहसील मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय करनैलगंज में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार से जुड़ा है। विदित हो कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय करनैलगंज में छात्राओं के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ की शिकायत पर उपजिलाधिकारी करनैलगंज द्वारा नायब तहसीलदार को शिकायत की जांच हेतु कस्तूरबा गांधी विद्यालय भेजा गया। नायब तहसीलदार की जांच में पाया गया कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय के छात्राओं को नाश्ता,भोजन व फूड चार्ट मानक के अनुरूप नही दिया जा रहा है। विद्यालय प्रांगण में साफ सफाई व्यवस्था ठीक नही पाई गई। शौचालय व आवासीय कमरों में साफ सफाई की कमी पाई गई।रसोईघर का निरीक्षण करने पर वहां भी साफ सफाई व भोजन व्यवस्था में अनियमितता पाई गई। छात्राओं द्वारा बताया गया बिजली की समस्या से मच्छरों का प्रकोप बना रहता है जिससे उन्हें नींद नही आती है। शिकायत सही पाए जाने पर उपजिलाधिकारी ने जिला बेसिक अधिकारी को चिट्ठी लिखकर कस्तूरबा गांधी विद्यालय करनैलगंज की शिकायत सही पाये जाने पर कार्रवाई के लिए अवगत कराया। जिस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी टीम के साथ पहुंचकर जाँच की और अनगिनत कमियां मिलने पर मामले में वार्डेन व लेखाकार से 26 अप्रैल 2022 तक जवाब तलब किया गया था जिसकी रिपोर्ट सूचनार्थ एवं कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी,मुख्य विकास अधिकारी,सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक देवीपाटन मंडल गोंडा को भी भेजी गई थी।
इसी के साथ उपजिलाधिकारी द्वारा भी उक्त संबंध में कार्यवाही हेतु रिपोर्ट भेजी गई थी। जिसके बावजूद जिम्मेदारों के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और कहीं विभाग वार्डेन व लेखाकार को बचाने की फिराक में तो नहीं है ऐसे सवाल उठ रहे हैं। वहीं मामले में दो दो अधिकारियों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिये जाने से प्रकरण काफी चर्चा में है।