खबर उन्नाव से है जहा उन्नाव की जामा मस्जिद मे सामाजिक सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए मुस्लिम समाज ने अलविदा जुमे की नमाज़ को सड़क पर न पड़ कर मस्जिदों में 2 बार मे पढ़ाई गई। तो वही अलविदा की नमाज को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
वही लोगो ने बताया की जहा एक तरफ ईद की खुशी है तो वही दूसरी तरफ रमज़ान के जाने का ग़म भी है। क्योंकि ये महीने में सबसे ज़्यादा मुसलमान इबादत करते है तो उसके जाने का ग़म भी है। लोगो ने बताया की पिछले 2 सालों से कोविद के कारण ईद की खुशी नहीं मना पाए थे तो ये खुशी है की ईद के दो साल बाद फिर से हम लोग ईद पर खुशी मनाएंगे।