कुंवरपुर अमरहा में विकास कार्यों के नाम पर हुआ लाखों रुपयों का घोटाला और सरकारी धन का बंदरबांट

अधिकारियों की संवेदनहीनता के चलते जमकर हो रहा भ्रष्टाचार

शपथपत्र के साथ आलाअधिकारियों से हुई शिकायत, स्थलीय जांच कराकर दोषी जनों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई एवं रिकवरी की मांग

कर्नलगंज/हलधरमऊ गोण्डा । उत्तरप्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार जहाँ एक ओर भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था एवं पारदर्शिता की प्रतिबद्धता का ढोल पीट रही है और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के दावे कर रही है तो वहीं बेखौफ भ्रष्टाचारी सरकार के दावे की हवा निकालते हुए तू डाल-डाल मैं पात-पात का खेल खेल रहे हैं।उन्हें ना तो योगी सरकार का भय है न ईमानदारी की परवाह और न ही उन्हें जनता के धन के दुरुपयोग करने की शर्म है। विदित हो कि अभी हाल ही में जिले के तेजतर्रार कहे जाने वाले डीएम डॉ० उज्ज्वल कुमार के निशाने पर आये दो खण्ड विकास अधिकारियों पर सीआईबी (नागरिक सूचना पट्टिका) के फर्जी भुगतान मामले में मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश जारी किया गया था। उसके बाद अब जिले के विकासखंड हलधरमऊ के ग्राम पंचायत कुंवरपुर अमरहा में विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपयों का घोटाला और सरकारी धन का बंदरबांट तथा मनरेगा एवं ग्रामनिधि में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसका खुलासा बेबसाइट पर उपलब्ध डाटा से हो रहा है जहां एक ही कार्य पर दो दो बार भुगतान शो कर रहा है तथा कार्यस्थल पर साइन बोर्ड भी नहीं लगाया गया जिसकी शपथपत्र के साथ शिकायत हुई है।

मालूम हो कि भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कोई प्रभावी कार्यवाही न होने से विकास खंड हलधरमऊ के कई ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार ने अपनी जड़ों को मजबूत कर लिया है। जहां कमीशन के चक्कर मे आंख मूंदकर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बिना जांच के सरकारी धनराशि का धड़ल्ले से भुगतान किया जा रहा है। इसी क्रम में ग्राम पंचायत पहाड़ापुर के निवासी ग्रामीण ने जिलाधिकारी गोंडा को शपथपत्र देकर आरोप लगाया है कि उनके ग्रामसभा में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है। बताया कि गांव में तालाब जीर्णोद्धार के नाम पर खूब धांधली की गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में साफ सफाई के नाम पर ग्रामपंचायत के प्रधान व सचिव द्वारा आपस में मिलीभगत कर 42000 रुपये का फर्जी भुगतान कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में पंचायत भवन प्रांगण में नल रिबोर के नाम पर 25 हज़ार रुपये का भुगतान सम्राट ट्रेडर्स को किया गया है जबकि नल का रिबोर कार्य नही कराया गया है। 

विद्यालय में लगभग 70 हज़ार रुपए खर्च कर समर सेबुल का कार्य कराया गया परन्तु समर सेबुल खराब पड़ा है। इसी तरह ग्राम पंचायत कुंवरपुर अमरहा में मनरेगा व ग्रामनिधि से बिना कार्य कराए अनेकों फर्जी भुगतान कराया गया है। यही नहीं भ्रष्टाचार के मामलों में भ्रष्ट ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव पर कार्यवाही न होने से भ्रष्टाचारी बेखौफ होकर फ्रंट लाइन पर बल्लेबाजी कर रहे हैं। इसी के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 में पक्की सड़क से दुर्गापूजा स्थान तक इंटरलॉकिंग कार्य मे सीआईबी पर सहयोग स्वयं सहायता समूह को एक ही कार्य का तीन बार भुगतान किया गया है।

जिसके संबंध में शपथपत्र के साथ आलाअधिकारियों से शिकायत कर स्थलीय जांच कराकर दोषी जनों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई एवं रिकवरी की मांग की गई है। यह तो मात्र एक उदाहरण है इसी तरह ब्लाक के लेखाकार व नामित जिम्मेदार द्वारा सांठगांठ कर अन्य गाँवों में भी विकास के नाम पर आमजनमानस सहित शासन प्रशासन की आँखों मे धूल झोंककर सरकारी धन का दुरूपयोग किया गया है। यदि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो कई गांवों में इस तरह के गोलमाल का खुलासा हो सकता है और जिम्मेदार फंस सकते हैं। अब देखना यह है कि आला अधिकारी मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जाती है।

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