कर्नलगंज/हलधरमऊ गोण्डा । उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार जहाँ एक ओर भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था और पारदर्शिता की प्रतिबद्धता का ढोल पीट रही है और भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के दावे कर रही है वहीं भ्रष्टाचारी तू डाल-डाल मैं पात-पात का खेल खेल रहे हैं। उन्हें ना तो योगी सरकार का भय है और ना ईमानदारी की परवाह और ना ही जनता के धन के दुरुपयोग करने की शर्म है।
मालूम हो कि अभी हाल ही में जिले के तेज तर्रार जिलाधिकारी डॉक्टर उज्ज्वल कुमार के निशाने पर आये दो खण्ड विकास अधिकारियों पर सीआईबी (नागरिक सूचना पट्टिका) के फर्जी भुगतान मामले में मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश जारी किया गया था। उसके बाद अब जिले के हलधरमऊ विकास खण्ड में भी मनरेगा में बड़ा गड़बड़ झाला सामने आया है। जिसका खुलासा मनरेगा की बेबसाइट पर उपलब्ध डाटा से हो रहा है जहाँ एक ही कार्य पर दो-दो बार भुगतान शो कर रहा है। मामला वित्तीय वर्ष 2020-21 का है, यहाँ क्षेत्र के बांसगांव में पक्की सड़क से दुर्गापूजा स्थान तक इंटरलॉकिंग कार्य मे सीआईबी पर सहयोग स्वयं सहायता समूह को एक ही कार्य का तीन बार भुगतान किया गया। वहीं बरबटपुर ग्राम पंचायत में भी काली सड़क से गुलाबचंद के घर तक इंटरलॉकिंग कार्य मे सीआईबी पर एक ही कार्य पर दो-दो बार भुगतान दिख रहा है।
कौड़हा जगदीशपुर गांव में प्रेम सिंह के घर के पास तालाब जीर्णोद्धार कार्य में बोर्ड पर एक ही कार्य का दो अलग-अलग फर्मों को मिलाकर दो बार पेमेंट किया गया है। वहीं ग्राम पंचायत बमडेरा में भी इसी तरह की अनियमितता जारी रही है यहाँ पूरे संगम शत्रोहन वर्मा के घर से अफसर अली के घर होते हुए मंगेश के घर तालाब तक नाली निर्माण में सीआईबी पर एक ही कार्य का दो फर्मों को मिलाकर डबल भुगतान किया गया है। यह तो मात्र एक बानगी मात्र है।
इसी तरह ब्लाक के लेखाकार व नामित जिम्मेदार द्वारा सांठगांठ कर अन्य गाँवों में भी विकास के नाम पर आमजनमानस सहित शासन प्रशासन की आँखों मे धूल झोंककर बड़े पैमाने पर सरकारी धन का दुरूपयोग किया गया है। यदि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो कई गांवों में इस तरह के गोलमाल का खुलासा हो सकता है और जिम्मेदार फंस सकते हैं। अब देखना यह होगा कि जिले के आला अधिकारी मामले को कितनी गम्भीरता से लेते हैं और जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही होती है।