कागजों में बने पशु व बकरी शेड धरातल पर नदारद, अधिकारी मौन


ब्लाक हलधरमऊ में एक ही व्यक्ति के नाम पर हुआ दो पशु शेड का निर्माण

कर्नलगंज/हलधरमऊ गोण्डा। उत्तरप्रदेश में सत्तासीन योगी सरकार जहां एक ओर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बातें करती नहीं थक रही है वहीं दूसरी ओर उनके अधीनस्थ जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी  भ्रष्टाचार के मामले में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर योगी सरकार को खुली चुनौती दे रहे हैं। निरंकुश शासन व्यवस्था की स्थिति यह है कि मामले की जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदारों द्वारा भ्रष्टाचारियों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जाती है बल्कि उन्हें बचाने का भरपूर प्रयास किया जाता है। जिससे यह प्रतीत होता है कि भ्रष्टाचार से अर्जित धनराशि में उनका भी हिस्सा लगता है जिससे भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने के बजाय जानबूझकर उन्हें खुला संरक्षण प्रदान कर सरकारी धन के बंदरबांट को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मामला विकास खंड हलधरमऊ के ग्राम पंचायत पहाड़ापुर का है, जहां ग्राम प्रधान ने एक लाभार्थी के नाम पर दो पशु शेड का निर्माण कार्य दर्शाकर मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपयों का भुगतान करा लिया है। लाभार्थी भगवान प्रसाद मौर्य उर्फ लल्लू मौर्य को पशुशेड निर्माण की भनक तक नही लगी और सरकारी धन का बंदरबांट भी हो गया। जिसकी जानकारी होने के बाद भी अधिकारियों ने खामोशी की चादर ओढ़ रखी है। दिनाँक 21.10.2020 को लल्लू मौर्य का पशुशेड निर्माण कार्य दर्शाकर मनरेगा योजना के तहत 76,477 रुपये का भुगतान व दिनाँक 24.01.2020 को भगवान प्रसाद मौर्य के घर के सामने पशुशेड निर्माण कार्य दर्शाकर एक लाख रुपये का भुगतान किसी संस्था को कर दिया गया है। जबकि लल्लू मौर्य व भगवान प्रसाद एक ही व्यक्ति का नाम है। जानकारी लेने पर भगवान प्रसाद उर्फ लल्लू मौर्य ने बताया कि न तो हमारा पशुशेड बनाया गया है और न ही हमे सरकारी पैसों का भुगतान कराया गया है।

ग्रामीणों ने बताया कि इसी तरह ग्राम प्रधान ने कई लोगों के नाम पर सरकारी पैसा निकाल लिया परन्तु किसी पशुशेड/ बकरी शेड का निर्माण नही कराया गया है। एसडीएम हीरालाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है बीडीओ हलधरमऊ को संपूर्ण प्रकरण की जांच करने हेतु निर्देशित किया गया है।

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