कोरोना वृश्चिक महामारी के चलते पिछले साल लाक डाउन के चलते मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने घर में ही शब-ए-बारात मनाई थी परंतु इस साल कोरोना वृश्चिक महामारी का प्रकोप कम होते हैं इस बार शब-ए-बारात के अवसर पर लोगों में उत्साह दिखा मस्जिद और कब्रिस्तान में लोगों का जनसैलाब दिखा। इस अवसर पर मुस्लिम समुदाय के लोग कब्रिस्तान जाकर अपने स्वर्गीय लोगों के लिऐ दुआ ए मगफिरत की, उसके बाद मस्जिदों में पहुंचकर नफिल नमाज का दौर शुरू हुआ जो पूरी रात चलता है शबे बरात मुसलमानों की समुदाय के लिए एक अहम रात होती है इस रात हर लोग अपने गुनाहों से तौबा करते हैं और अपने लिए दुआ कर अपने रिस्क, उम्र व अपने मुस्लिम समुदाय के लिए उनके हक में दुआ मांगी। मस्जिदों से इमामों ने अपने मुल्क हिंदुस्तान के लिए अमन की दुआ की । मस्जिदों में शहरी का भी इंतजाम किया जाता है जिससे लोग दूसरे दिन रोजा रख सके।
कब्रिस्तान कमेटी द्वारा कब्रिस्तान को इस तरह सजाया जाता हैं कि आने जाने वाले लोगों को कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े लोगों ने कमेटी द्वारा किए गए कार्यों की सहारना की और इनके इन कार्यों के मुबारकबाद दी।
आपको बताते चलें कि कब्रिस्तान कमेटी द्वारा उत्तर प्रदेश में आसपास जिलों में इतना खूबसूरत कब्रिस्तान नहीं होगा क्योंकि उन्नाव कब्रिस्तान कमेटी द्वारा किए गए कार्यों की मुस्लिम समाज के लोगो तारीफ करते नजर आते हैं कमेटी के लोगों में ओबेदुल्ला, मोहम्मद अहमद, जाबिर,नोमान,नफीस,इकराम,दिलशाद ,जावेद ,आरिफ ,पहाड़ी ,जुगनू, खालिद आदि लोगों मौजूद रहे