विधायक आराधना मिश्रा को जनता जनार्दन का मिला आशीर्वाद

विधायक आराधना मिश्रा को जनता जनार्दन का मिला आशीर्वाद: पूर्वांचल की सियासत में तीन बार रही ब्लाक प्रमुख, रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र से लगाई जीत की हैट्रिक


पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का उत्तर प्रदेश की सियासत में दबदबा नौ बार से रहे विधायक एवं उनकी पुत्री आराधना मिश्रा (मोना) ने चुनाव जीत कर संभाली पिता की राजनीतिक विरासत

उत्तर प्रदेश की राजनैतिक सियासत में रामपुर खास विधानसभा सीट 1980 से लगातार कांग्रेस के कब्जे में है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी इस सीट से रिकार्ड लगातार नौ बार विधायक रहे। वर्ष 2014 में प्रमोद के राज्यसभा सदस्य बनने के बाद हुए उपचुनाव में उनकी बेटी आराधना मिश्रा (मोना) यहां से पहली बार विधायक बनीं। रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का वर्चस्व बरकरार रहा। कांग्रेस प्रत्याशी आराधना मिश्रा मोना ने भाजपा के नागेश प्रताप सिंह को 14,741 मतों से हराकर जीत की हैट्रिक लगा दी है। आराधना मिश्रा को 84,334 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी नागेश प्रताप सिंह को 69,593 मतों से ही संतोष करना पड़ा। कांग्रेस ने यहां से लगातार 12वीं जीत दर्ज की है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी की मजबूत किलेबंदी को आखिरी दम तक जोर लगाने के बाद भी भाजपा भेद नहीं पाई। 

रामपुर खास विधानसभा सीट 1980 से लगातार कांग्रेस के कब्जे में है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी इस सीट से रिकार्ड लगातार नौ बार विधायक रहे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा लहर के बाद भी प्रमोद तिवारी यह सीट बचाने में कामयाब रहे थे। उनकी बेटी आराधना मिश्रा मोना ने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नागेश प्रताप सिंह को 17,651 मतों से परास्त किया था। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले यह सीट कई मामलों को लेकर लगातार चर्चा में थी।

विधायक आराधना मिश्रा मोना का दबदबा

आराधना मिश्रा मोना कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी की बड़ी बेटी हैं। उन्होंने एमबीए किया है। मोना ने अपनी राजनीति की शुरुआत ब्लॉक प्रमुख के रूप में की थी। वह रामपुर संग्रामगढ़ ब्लॉक से लगातार तीन बार ब्लॉक प्रमुख चुुनी गईं। वर्ष 2014 में प्रमोद तिवारी के राज्यसभा सांसद चुने जाने के बाद हुए उपचुनाव में वह पिता की विरासत संभालने के लिए पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरीं। उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद वह भाजपा लहर में वर्ष 2017 में भी चुनाव जीतकर विधायक बनीं। मोना की छोटी बहन विजय श्री सोना प्रयागराज के ट्रिपलआईटी में प्रोफेसर हैं।

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