भारत उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं सभी पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवार
उतार के एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है लेकिन किसी भी पार्टी के संकल्प पत्र एजेंडे में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का कोई स्थान नहीं है राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महा संगठन अयोध्या उत्तर प्रदेश भारत वर्ष तथा राष्ट्रीय महासचिव डाक्टर मोहम्मद अनवर, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश चन्द्र पाण्डेय ने चिंता जताते हुए कहा किसी पार्टी के संकल्प पत्र में पत्रकारों के लिए कोई स्थान नहीं सुनिश्चित किया गया है यह बहुत चिंतनीय है लोकतंत्र के चार स्तंभ कार्यपालिका न्यायपालिका विधायिका और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मीडिया पत्रकारिता सिर्फ एक लेखन शैली ही नहीं और आम जनता और शासन प्रशासन के बीच की एक अहम कड़ी भी है एक जिम्मेवार पत्रकार स्पष्ट रूप से धरातल से जुड़े आम जनमानस की आवाज को शासन प्रशासन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पत्रकार की होती है लेकिन समय के साथ साथ पत्रकार ही उत्पीड़न का शिकार हो चले दिशाहीन होती जा रही है गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को किसी पार्टी के एजेंडे में शामिल नहीं किया गया चाहे वह प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो पत्रकार अपनी कलम की ताकत से सच्चाई को लिखता है उसके अधिकारों का हनन करना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का अपमान करना है एक अवैतानिक पद पर कार्य करने वाला पत्रकार समाज की सेवा करता है संविधान के 4 स्तंभों में से आज एक स्तंभ पत्रकारिता अपने आप में कमजोर नजर आ रही हैं आए दिन देश भर में लगातार बढ़ रहे पत्रकारों पर हमले आए दिन हो रहे हैं पत्रकार उत्पीड़न के मामलों में समाज में रहने वाले बुद्धिजीवियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है समाज और सरकार की आवाज बनने वाले पत्रकार के लिए क्यों सरकार ठोस कानून बनाकर उन्हें सुरक्षा का एहसास नहीं दिलाती है यह बहुत ही चिंतनीय विषय है जो समाज से लेकर सरकार तक की आवाज बनकर पूरे विश्व में फैलाता है सर्दी गर्मी धूप की परवाह न करते हुए हर उस तबके की आवाज बनता है जिसकी आवाज को बाहुबली व अपराधी दबाने की कोशिश करते हैं और हर उस परिस्थितियों में भी डटे रहते हैं जहां सामने से मौत आती दिखाई दे रही हो हाल ही में आई करोना त्रासदी में न जाने अपने धर्म का पालन करते हुए कितने पत्रकार साथियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है आवश्यकता पड़ने पर उसी पत्रकार का न समाज साथ देता है और न सरकार अपनी सुरक्षा के लिए न जाने कितने लंबे समय से पत्रकार सुरक्षा बिल की मांग करते आए हैं किंतु सरकार के द्वारा उन्हें केवल आश्वासन के अलावा आज तक और कुछ नहीं मिला है चाहे 2022 का बजट हो और चाहे सभी पार्टियों का संकल्प पत्र हो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को निराशा ही हाथ लगी।
ओंकार नाथ सिंह पत्रकार संपादक उत्तर प्रदेश एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंगठन अयोध्या उत्तर प्रदेश भारत वर्ष