कुशीनगर विधानसभा से निर्दलीय ठोकेंगे ताल
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ने प्रमुख दल की बढ़ाई मुश्किलें
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पार्टी शीर्ष नेतृत्व द्वारा टिकट वितरण मे हुई जमीनी नेताओ उपेक्षा के कारण पार्टी मे बगावत की सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। कुशीनगर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार की घोषणा के बाद पार्टी के लिए जीवन खपा चुके कर्मठ व ईमानदार कार्यकर्ताओं को महत्व न मिलने से उनमें भीतर ही भीतर आक्रोश पनप रहा है और बगावती तेवर साफ नजर आने लगा है। इसी कड़ी में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश मिश्रा ने बगावत का बिगुल फूकने का मन बना लिया है और उन्होंने कुशीनगर विधानसभा सीट से निर्दल चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसको लेकर विधानसभा कुशीनगर क्षेत्र के डिघवा बुजुर्ग में एक बैठक में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अखिलेश मिश्रा ने पार्टी पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया और कुशीनगर विधानसभा सीट से निर्दल चुनाव लड़ने का ऐलान किया।
श्री मिश्रा शुरू से भारतीय जनता पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता और बड़े पदाधिकारी रहे हैं और अपनी उपेक्षा से मर्माहत हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए हमने लाठियां खाई और जेल गए। भाजपा ने अपने सभी किये वायदे पूरे किए। आज कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है। भगवान प्रभु श्रीराम के मंदिर का सपना साकार हो गया है। चतुर्दिक विकास हो रहे हैं। वे सपने आज पूरे हो रहे हैं। विधानसभा चुनाव में यहां के जुझारू व कर्मठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हुई है। जिससे उनका मन आहत है। सता सुख के लिए आंशिक समय देने वाले कार्यकर्ताओं के परिश्रम का लाभ ले रहे हैं और नेतृत्व द्वारा उन्हें ही महीमा मंडित किया जा रहा है। आगे मिश्रा ने कहा कि वह पार्टी के समर्पित सिपाही हैं। मेरे ऊपर जिले भर के कार्यकर्ताओं का दबाब चुनाव लड़ने के लिए बन रहा है। हम उनकी भावनाओं को नमन करते हैं। अगर नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान नहीं किया तो मेरे द्वारा 10 फरवरी 2022 को पर्चा भरा जाएगा। इस अवसर पर भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
रवि कुमार