सारस पक्षी की घटती संख्या पर्यावरण संरक्षण के लिये चिंता का विषय


रूदौली।अयोध्या। सारस पक्षी की संख्या  दिन प्रति दिन घटती जा रही है जो कि पर्यावरण संरक्षण के लिये चिंता का विषय है।राज्य सरकार ने इसे राजकीय पक्षी घोषित कर रखा है।इसके अस्तित्व को बचाने के लिये लखनऊ स्थित सीएमएस की 12 वीं की छात्रा अनायका पाठक ने स्वयं सेवी संस्था बनाकर सारस पक्षी के संरक्षण की मुहिम की शुरुआत की है।

इसी परिप्रेक्ष्य में मवई ब्लाक की नूरपुर ग्राम पंचायत में स्थित कुड़वा झील में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुजीत सिंह की उपस्थिति में लगभग सौ लोगों को जागरूक कर इन्हें बचाने का संकल्प लिया गया।उन्होंने बताया कि एक सर्वेक्षण के मुताबिक प्रदेश में इन सारसों की संख्या अनुमानित 2900 ही बची है।इस पक्षी की विशेषता यह है कि यदि कोई व्यक्ति एक पक्षी को मार देता है तो दूसरा स्वतः उसके वियोग में अपनी जान दे देता है जो कि आपसी एकता का अनुपम उदाहरण है।इस अवसर पर जेई आशीष तिवारी तथा सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

रिपोर्ट नीलम सिंह

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