पूर्व मंत्री एवं राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी की पुत्री आराधना मिश्रा मोना कांग्रेस की पहलवान: रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र से देंगी चुनौती
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास विधानसभा सीट से सपा ने अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा। यहां कांग्रेस के कद्दावर नेता, पूर्व मंत्री एवं राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी की पुत्री आराधना मिश्रा मोना मैदान में हैं। उम्मीदवार को न उतारकर सपा ने यहां से कांग्रेस का अप्रत्यक्ष समर्थन दिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा, कांग्रेस का कुछ जगह अप्रत्यक्ष समर्थन भी नजर आया। राजनीति में एक कहावत है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। यह सही भी है और विधानसभा चुनाव में यह नजर भी आ रहा है। कांग्रेस ने मैनपुरी जिले के करहल विधानसभा सीट से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा तो समाजवादी पार्टी ने भी प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास सीट से किसी उम्मीदवार को चुनावी अखाड़े में न उतारकर अपना वायदा पूरा किया। चुनावी अखाड़े में राजनीतिक दलों के बीच विचारों और सिद्धातों के बीच चाहे जितने मतभेद हों, लेकिन जब खुद की बारी आती है तो सभी गिले शिकवे दूर हो जाते हैं। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 में यह देखने को भी मिल रहा है।
प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास सीट से सपा ने नहीं उतारा उम्मीदवार
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल सीट से मैदान में उतरे हैं। यहां से कांग्रेस ने किसी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है। अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्याशी न उतारकर अखिलेश यादव को समर्थन दिया गया है। समाजवादी पार्टी ने भी कांग्रेस के इस अहसान को पूरा करने में देर नहीं की। प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा। यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की पुत्री आराधना मिश्रा मोना मैदान में हैं। उम्मीदवार को न उतारकर सपा ने यहां से कांग्रेस के लिए यह सीट छोड़ी ही नहीं है, बल्कि यहां भी अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दिया है।
अपना दल एस ने भी रिश्तों की खातिर छोड़ी सीट
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ जिले की सदर सीट पर भी रिश्तों का बंधन देखने को मिला। सियासी समर में हर कोई एक दूसरे पर नस्तर चुभा रहा है। ऐसे में सदर विधानसभा सीट पर उस समय समीकरण बदल गए जब अपना दल कमेरावादी और सपा की संयुक्त उम्मीदवार कृष्णा पटेल ने नामांकन किया तो उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल ने अपना दल एस के उम्मीदवार को चुनाव मैदान में न उतारने का फैसला किया। यह सीट भाजपा ने सहयोगी दल अपना दल एस को दे रखी थी। माना जा रहा था कि इस सीट पर अपना दल एस का पलड़ा भी भारी होगा। बता दें कि कृष्णा पटेल अद कमेरावादी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।