सियासी इम्तिहान का दौर शुरू हो चुका है। सियासत के पंडितों की भविष्य बाणीयो पर ठप्पा लगाने के लिये मतदाता मचल रहे हैं। देश के पांच राज्यो में चुनावी युद्ध शुरू हो चुका है! घात प्रतिघात के साथ ही हर पल आघात झेलता मतदाता अपने भाग्य बिधाता के ताजपोशी के लिये खामोशी से मंजर तैयार कर रहा है। चारों तरफ उथल पुथल है।अवरोधी प्रतिरोधी, एक दुसरे के सियासी बिरोधी सत्ता की चाहत में ढपोरशंखी वादों की वर्षांत कर रहे हैं।पब्लिक की हर मांग को अपने चुनावी एजेंडा में आत्मसात कर रहे हैं। जिस तरह का दिखावा कर मतदाता को झांसा में करने की कोशिश कर रहे हैं वह आज कल काफी चर्चा में है।दर्द से कराहता किसान अब किसी के मुगालता में आने वाला नही है!वह वहीं करने का निर्णय ले चुका है जो सही है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आजकल कानून ब्यवस्था को लेकर मतदाता एक जुट हो गया है। लाख डोरे डाले जा रहे हैं मतदाता अडिग है मिडीया हैरान है मतदाताओं का सुनकर बयान!लोग बेबाकी से बिना डर बिना भय ज़बाब दे रहे हैं। भुगत होगी लोग गुंडाराज के आगाज से सिहर जा रहे है! जहां दिन दहाड़े इज्जत लूटी जा रही थी!बेआबरू हो रहे लोग असहाय होकर खून के आंसू पीते थे!आज शान से जीते हैं!बदलाव की इस कहानी के लेखक को लोग कैसे भूल पायेगे!खासकर लोध व जाट बिरादरी को बिश्वास दिलाने मे सियासी दल फेल हो गये है जयन्त की भीडन्त अपने लोगों से ही हो गया है।हालात तमाम ज्वलन्त सवालात के साथ गुज़रे कल की घटनाएं आज के परिवेश में देश की सियासी दलों के लिये घातक साबित हो रही है।मतदाता अपना भविष्य तलास रहा है! वर्तमान में जीता जरुर है मगर उदास है।वर्तमान सरकार की हिन्दू वादी सोच को सारे सियासी दल ललकार रहे हैं! मगर समय के समन्दर में उठ रही सियासी लहरों के बीच समरसता की सफीना पर भारत के भविष्य को लेकर बेखौफ मंजिल के तरफ बढ रही सफीना बलन्दी का परचम फहराती गुलामी के निशानों को मिटाती कुशल नाविक के सहारे किनारे पहुंचने वाली है! कोई अवरोध नहीं साहिल खाली है? देखने में तो झंझावात करती खतरनाक सियासी लहरे दहशत पैदा कर रही है। लेकिन दूरदृष्टी ,कड़ी मेहनत, पक्का इरादा, के साथ मर्यादा के लंगर को मजबूती से स्थापित करने का हूनर जानने वाले मुस्कराते हुये सफर जारी रखें है।
शान, स्वाभिमान, सम्मान, के लिये लगातार आगे बढ़ रहा हिन्दुस्तान सबका साथ सबका विकाश का सूत्र अपनाते हुये नव बिहान में सम्पूर्ण बिश्व के फलक पर बिश्व गुरु बनने का जज्बा पाले पूरा कर रहा है अरमान! पुर्वी उत्तर प्रदेश में भी सियासी मदारी अपना खेल शुरू कर दिये है गांव गांव अपना करतब दिखा रहे हैं।कहीं हाथी है! कहीं साईकील खड़ी है!कही चमकती छड़ी है!तो कहीं लोगों के लिये दमदार वसूल बन चुका है कमल का फूल! यूपी मे छुपी विरोधी शख्सियतें योगी सरकार को दर किनार करने के लिये अपनी सारी ताकत लगा दी है!माहौल में गर्मी है?लगातार परिवेश बदल रहा है! कुछ लोगों को योगी का सियासी खेल खल रहा है।फिर भी बाबा गोरक्ष नाथ का चेला सबसे आगे चल रहा है। कल किसने देखा है कुछ भी हो सकता है।सोच में मोच रखने वालों के लिये आने वाला वक्त सख्त सन्देश दे रहा है।