राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बालिकाओं को अधिकारी बनाकर किया गया प्रोत्साहित


गोण्डा। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ एवं आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बालिकाओं को अधिकारी व न्यायिक मजिस्ट्रेट बनाया गया। जिससे बालिकाओं ने अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर लोगों की समस्याएं सुनी तथा उसका त्वरित निस्तारण करने का भी निर्देश दिया। जिसमें केंद्रीय विद्यालय रेलवे कॉलोनी की कक्षा 10 की छात्रा सुहानी पाण्डेय को जिला प्रोबेशन अधिकारी बनाया गया। सुहानी पाण्डेय ने बतौर जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय की फाइलों का जायजा लिया,साथ ही संबंधित को उसके निस्तारण का निर्देश दिया। जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने बालिकाओं को उत्साहित करते हुये कहा कि वह अपना लक्ष्य स्वयं तय करें और उसकी प्राप्ति के लिए हर संभव प्रयास भी करते रहें। उन्होंने कहा कि बच्चे अपने भविष्य के स्वयं निर्माता होते हैं। उन्होंने बालिकाओं को लक्ष्य की प्राप्ति करने, कठिन परिस्थिति से लड़ने व समाज में अपनी पहचान बनाने के टिप्स दिये। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी गौरव स्वर्णकार ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पढ़ाई की कोई सीमा नहीं होती है वहीं शिक्षा से ही बड़े से बड़े लक्ष्य और बड़ी से बड़ी कामयाबी हासिल की जा सकती है। उसके बाद न्याय पीठ बाल कल्याण समिति में बालिकाओं को न्यायिक मजिस्ट्रेट बनाया गया। अध्यक्ष के रूप में एम्स इंटरनेशनल की 11 वीं की छात्रा मुस्कान दूबे व सदस्य के रूप में मानसी दूबे, शिवानी पाण्डेय व सृष्टि पाण्डेय के समक्ष रेलवे चाइल्ड लाइन द्वारा लावारिस हाल में मिले बालक को प्रस्तुत किया गया जिस पर कार्रवाई करते हुए मुस्कान दूबे ने स्टेनो मनोज उपाध्याय को आदेशित किया कि नियमानुसार कार्यवाही करते हुए बालक को उसके माता-पिता के सुपुर्दगी में दें। न्याय पीठ के अध्यक्ष व सदस्यों ने बालिकाओं से कहा कि वह मेहनत करके पढ़ाई करें और सरकारी सेवा से जुड़कर देश की सेवा करें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कृष्ण प्रताप सिंह ने बालिकाओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा किया। उन्होंने बालिकाओं, बच्चों व आमजनों के हित में काम करने के गुर बताये। सुहानी पाण्डेय ने लावारिस मिले बालकों के परिजनों के न मिलने पर होने वाली कार्रवाई की जानकारी चाही। जिस पर सचिव ने बताया कि ऐसे बच्चों को संस्था में संरंक्षित किया जाता है और परिजनों की खोजबीन के बाद उनके सुपुर्द किया जाता है। चेयर पर्सन प्रेम शंकर लाल श्रीवास्तव, सदस्य रामकृपाल शुक्ला, राजेश कुमार श्रीवास्तव, प्रियंका श्रीवास्तव, वरिष्ठ सहायक अखलाक अहमद, कनिष्ठ सहायक कुबेर राम, कार्यक्रम सहायक दीपक दूबे, चाइल्डलाइन प्रभारी आशीष मिश्रा, कनिष्ठ सहायक हेमंत कुमार, संरक्षण अधिकारी नेहा श्रीवास्तव, चंद्र मोहन वर्मा, महिला कल्याण अधिकारी ज्योत्सना सिंह, जिला समन्वयक राजकुमार आर्य, आंकड़ा विश्लेषक शिव गोविंद वर्मा, नीलम सरोज, सिद्धनाथ पाठक व राजू चौधरी आदि अनेकों लोग मौजूद रहे।

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