40 साल पहले गंगा की कटान में बहे थे आशियाने ओर खेत


उन्नाव:- बांगरमऊ तहसील के कटरी क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों पर मरहम लगाने की प्रक्रिया सरकार से मिली करोड़ों की मुआवजा राशि के बाद भी पूरी नहीं की गई। जिसका खामियाजा यह गरीब पिछले 40 साल से भुगत रहे हैं। क्षेत्र के दर्जनों गांव की बाढ़ विभीषिका का दंश किसी से छिपा भी नही है। बावजूद जिम्मेदारों ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। यहां तक की हर बार वोट मांगने वाले जनप्रतिनिधियों का दिल भी इनकी बेबसी पर नहीं पसीजा। बांगरमऊ क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे नयापुरवा, मल्लहनपुरवा, भिखार पुरवा, हरीगंज व कुशाल पुरवा आदि गांव के निवासियों के हालात बदतर हैं। जिसमें फिलहाल नया पुरवा की हकीकत परखी गई। जहां गांव के सैकड़ों किसानों की हजारों बीघा उपजाऊ भूमि गंगा नदी की जलधारा में समा चुकी है। गांव नयापुरवा निवासी 50 वर्षीय राजेंद्र बताते हैं कि उनके जीवनकाल में गंगा के जलस्तर से चार बार गांव कट चुका है। जिससे दर्जनों परिवार गांव छोड़कर दूरदराज के गांव में रहने लगे। यहीं के ग्रामीण धनपाल का कहना है कि पूर्व में गांव कटान के दौरान सभी ग्रामीणों ने सड़कों पर गुजर बसर किया था। रोजी का दूसरा कोई साधन ना होने के कारण लोग फिर गंगा नदी के किनारे कटान के बाद पड़ी भूमि पर खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण करने लगे। ग्रामीण तुलाराम का कहना है कि कटरी क्षेत्र मे लगभग हर वर्ष मामूली हो या भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ता है। जिससे तलहटी किनारे बसे ग्रामीण बमुश्किल रोजी रोटी का जुगाड़ कर पाते है। लगातार बाढ़ आने से इन गांवों के सामने की सैकड़ो बीघा उपजाऊ भूमि का कटान हो चुका है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.