उन्नाव गदन खेड़ा बाईपास चौकी इंचार्ज हसमत अली ने पेश की मानवता की मिसाल,दिया अर्थी को कंधा,कराया अंतिम संस्कार
हसमत अली इलाहाबाद कौशांबी जिले में भी अपनी मानवता के नाम पर आज भी वहां की जनता उनका नाम लेती है कौशांबी एसओ पद पर रहते हुए न जाने कितने लोगों को हमदर्द व मसीहा साबित हुए थे इसी तरह से उन्नाव जिले में लगातार चाहे रसूलाबाद चौकी इंचार्ज रह हो और पिरियर चौकी पर इनकी इमानदारी की मिसाल से लोग आज भी इनके नाम लेते है ऐसे तेजतर्रार दरोगा व ईमानदार कार्यशैली वाले दरोगाओं को तो थाने के काबिल ही समझा जाए जिससे असहाय व गरीब लोगों को न्याय और अपराधियों को सजाएं दंड मिल मिलता रहे।
कल रात अज्ञात वाहन द्वारा गदन खेड़ा बाईपास पेट्रोल पंप के समीप पिकअप डाला में जोरदार टक्कर लगने से सवार कानपुर निवासी आलोक गुप्ता पुत्र राजेंद्र गुप्ता की मौके पर मौत हो गई थी तभी मौके पर उप निरीक्षक हसमत अली ने शव को कब्जे में लेकर उनके पास से एक 157000 रुपए सकुशल उनके घर वालों के सुपुर्द कर दिए
वजह से इन दिनों अपने अपनों के ही शव को कंधा देने से इंकार कर रहे हैं। अंतिम संस्कार के इंतजार में कई ऐसी लाशें पड़ी रहती हैं। ऐसे में यूपी पुलिस (UP Police) ने अपने सामाजिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते हुए बड़ा गदर खेड़ा बाईपास चौकी इंचार्ज हसमत अली ने उदाहरण पेश किया है।
शुक्रवार बृहस्पतिवार की रात अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई है। उनके घर में कोई नहीं है। सिर्फ एक बेटा है लेकिन वह 10 साल का है। घर में किसी और के न होने की वजह से अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। महिला का इतना कहना था की सूचना पर पहुंची पुलिस की टीम ने महिला के पति के शव की अर्थी को न केवल कंधा दिया बल्कि अंतिम संस्कार भी कराया।
पुलिस में भी सभी इंसान गलत नहीं होते भगवान के भेजे फरिश्ते है पुलिस मेरे लिए
मृतक कारोबारी की पत्नी पुलिस की मदद पर कहा कि पुलिस नहीं भगवान के भेजे फरिश्ते मेरे घर आए थे। उन्होंने मेरे पति का अंतिम संस्कार करवाया। दो मुस्लिम युवकों ने भी उनके पति की अर्थी को कंधा देकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की। पुलिस की ऐसी मदद पर पूरे जिले में उनकी जमकर तारीफ की गई है।