ललितपुर से बड़ी खबर जिला पंचायत सदस्य सोरई व मड़ावरा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला।

ललितपुर:-उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए भावी प्रत्याशी अपनी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। चुनाव  के दौरान कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए वह हर तरीके से तैयारियां करते नजर आ रहें हैं ।  चुनाव उम्मीदवारों ताप्ती धूप मैं हर एक बोटर को आपने पाले मैं लुभाने की हर सम्भव कोशिश करते नजर आ रहे हैं।


तैयारियों में जुटे भावी उम्मीदवार  विकासखंड मडावरा की हर एक सीट  मैं होगी भीषण टक्कर खास तौर पर जिला पंचायत सदस्य के लिए सोंरई, सीट देखने में बड़ी दिलचस्पी नजर आएगी एक तरफ नरेंद्र सिंह बुंदेला तो दूसरी तरफ  रजऊ राजा रामगड़ा  तो वहीं तीसरी तरफ  जिनेंद्र कुमार जैन उर्फ रानू जैन करीटोरन  अपनी अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं , तो वही कहीं ना कहीं मडावरा सीट भी किसी से पीछे नहीं होगी दिग्गजों का होगा आमना-सामना पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी,विक्रम सिंह मदनपुर तो दूसरी तरफ पूर्व ब्लाक प्रमुख सुधा,गौरी शंकर सोनी  तो वही कृष्णा शेर सिंह राजा भी किसी से कम नहीं होंगे  देखना यह होगा आखिर दोनों सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला किसको विजय श्री दिलवाने में कायम होता है।

दरअसल ,त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है, नामंकन  प्रक्रिया पूरी हो चुकी है अब केवल चुनाव चिन्ह मिलने की तैयारियों में जुटे हुए हैं जैसे ही चुनाव चिन्ह मिलते हैं हर एक प्रत्याशी अपने अपने वोटरों को किसी ना किसी तरह झांसा में फंसाने की हर संभव कोशिश करेंगे कोरोना काल में बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार वापस अपने गांव आ गए थे। कुछ वापस काम पर लौट गए, जबकि काफी लोग गांवों में ही रह गए। पंचायत चुनाव में दावेदारों की नजर इन प्रवासियों पर टिकी है। इन्हें लुभाने पर जोर है। ऐसे में परिजनों से लेकर रिश्तेदारों तक से संपर्क किया जा रहा है। ग्राम प्रधान पद के साथ ही क्षेत्र और जिला पंचायत सदस्य पद पर दावेदार माहौल अपने पक्ष में करने में जुटे हैं। दावेदारों की निगाहें अब प्रवासी कामगारों पर टिकी हुई है। ऐसा इसलिए है कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में कामगार पड़ोसी शहरों और राज्यों से काम-धंधा बंद होने के बाद अपने गांव लौट आए थे। जिसमें से कुछ लोग वापस काम पर लौट गए, जबकि तमाम लोगों ने गांव में ही गुजर-बसर करने के लिए काम-धंधे शुरू कर दिए। अब चुनावी माहौल बनते ही दावेदारों की उम्मीद प्रवासी कामगारों पर टिकी हुई है। तमाम दावेदार कोरोना काल में की गई मदद का हवाला देने के साथ परिवार और नाते-रिश्तेदारों से भी सिफारिश लगवा रहे हैं। लगभग हजारों प्रवासी कोरोना काल में लौटकर अपने गांव आ गए थे, लेकिन वापस काम पर लौटने वालों की संख्या काफी कम रही। गांव लौटकर आए इन प्रवासी कामगारों का नाम पहले से ही मतदाता सूची में दर्ज हैं। ऐसे में दावेदारों को प्रवासी कामगारों में जीत उम्मीद नजर आ रही है।

बेरोजगारों को चुनाव ने दिया रोजगार

कोरोना काल में बेरोजगार हुए तमाम युवाओं को त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव ने रोजगार देने का काम भी किया है। वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य और प्रधान पद के दावेदारों ने अपने पोस्टर और बैनर दीवार पर लगाने के लिए युवाओं को काम दिया है। बधाई संदेश वाले इन पोस्टर-बैनर लगाने के बदले जहां तीन सौ रुपये दिहाड़ी मिल रही है, वहीं नाश्ते और खाने का इंतजाम भी दावेदार द्वारा किया जा रहा है। 


यूपी हेड रामशरण कटियार के साथ मंडल ब्यूरो चीफ रामकुमार पटेल की रिपोर्ट।

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