👉कोशिश करने वाले की कभी हार नहीं होती।
👉हम होंगे कामयाब एक दिन।
अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा के दोनों गुटों में सुलह समझौता करके मजबूत बनाने की कोशिश जो हमने करीब ढाई वर्ष पहले राष्ट्रीय समता महासंघ के संस्थापक के रूप में शुरू की थी उसमें अब तक भले ही हमें सफलता नहीं मिल पाई है पर इन वर्षों में देश के विभिन्न राज्यों के कूर्मि मित्र मेरे विभिन्न लेखों, पोस्ट से जागरूक और सावधान अवश्य हुए हैं आने वाले समय में यह और ज्यादा धारदार रूप लेंगे ऐसा हमें विश्वास है। महासभा में एकीकरण होने तक हमारी सुलह समझौता करने की कोशिश और देश के कूर्मि समाज के मित्रों को जागरूक और संगठित करने की कोशिश जारी रहेगी।
पहले सितंबर 2019 में मराठा कुणबी अभय सिंह पाटिल जी (नागपुर महाराष्ट्र) और अब आज 07.04.2021 को अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह पटेल जी के आकस्मिक निधन से कूर्मि समाज की अपूरणीय क्षति हुई है जिसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती है। इन दोनों महान विभूति के निधन से हम खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं पर हम निराश बिल्कुल भी नहीं हुए। पिछले करीब ढाई वर्ष पहले शुरू किये गये अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा के एकीकरण के प्रयास को हम एक दिन अवश्य देश के कूर्मि समाज को जागरूक और संगठित करके प्राप्त करने में कामयाब होंगे इसमें बिहार की मुख्य भूमिका रहने वाली है। अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा के एकीकरण करने के लिए अधिकृत नन्दकुमार बघेल जी के बिहार दौरे के दौरान बघेल जी के समक्ष 17-23 मार्च 2021 के आठों अभिनन्दन सह कूर्मि सम्मेलन में महासभा के एकीकरण करके मजबूत बनाने की मांग बिहार के कूर्मि समाज के मित्रों ने रखी। साथ ही बघेल जी द्वारा कूर्मि समाज के सम्मेलन में कांग्रेस,सोनिया गांधी, प्रियंका और राहुल गांधी को समर्थन करने के लिए सलाह देने पर बिहार के कूर्मि मित्रों ने कहा कि महासभा को राजनीतिक हस्तक्षेप से दूर रखा जाये। अगर बघेल साहब महासभा के दोनों गुटों के एकीकरण की प्रक्रिया को आगे नहीं बढा़ते हैं तो निश्चित रूप से बघेल साहब के नेतृत्व वाले गुट को तीसरा गुट कहा जाने लगेगा जो देश के ज्यादातर कूर्मि मित्र कहने भी लगे हैं। 20 सिंतबर 2020 को महासभा की राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के प्रतिनिधियों की आॅनलाईन जुम मीटिंग में एकीकरण को सुनिश्चित करने के लिए अधिकृत करते हुए महासभा के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किये गये थे। पर 6 महीने बीत जाने के बावजूद नन्दकुमार बघेल जी ने अपनी ओर से महासभा के दोनों गुटों के एकीकरण करने के लिए कोई प्रयास नहीं किये हैं। जब 24 फरवरी 2021 को रायपुर
( छतीसगढ़) में महासभा की कोर कमेटी के बैठक में हमने बघेल साहब के समक्ष महासभा के दोनों गुटों के एकीकरण करके मजबूत बनाने की याद दिलाई तो बघेल साहब ने आर एस कनौजिया जी का नाम लेते हुए कहा कि "कनौजिया जी तो कहते हैं दोनों गुटों के राष्ट्रीय अध्यक्ष चोर और बेईमान हैं, उन पर करोड़ों के घोटालें का आरोप है, वे जल्द जेल जाने वाले हैं, ऐसे में हम उन दोनों गुटों के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपने साथ क्यों मिलायें? "
(यह नन्दकुमार बघेल का कहना था)
जब हमने बघेल साहब से कहा कि आपको अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा के दोनों गुटों के एकीकरण करके मजबूत बनाने के लिए ही 20 सितंबर 2020 को महासभा के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष माननीय किये गये और बाद में 30-31 जनवरी 2021 को वाराणसी के विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में स्थाई राष्ट्रीय चुना गया। अगर महासभा के दोनों गुटों के एकीकरण करने की कोशिश नहीं की गई तो इसे तीसरा गुट कहा जाएगा जो हमलोग कतई नहीं चाहते तो बघेल साहब ने कहा " जिसे मेरे साथ आना है वह आए जिसे नहीं आना है वह नहीं आये, अगर वे दोनों गुटों के राष्ट्रीय अध्यक्ष मेरे साथ आते हैं तो उनका स्वागत है, हम दोनों में से किसी गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष को एकीकरण करने के लिए नहीं कहेंगे हमलोग अपना काम करते जाएंगे। " (यह बघेल साहब का कहना था)
इन परिस्थितियों में ऐसा लगता नहीं है कि नन्दकुमार बघेल जी अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा के दोनों गुटों के एकीकरण करके मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे क्योंकि पिछले 6 महीनों में महासभा के दोनों गुटों के एकीकरण करने में उन्होंने कोई भी कोशिश नहीं की है। आर एस कनौजिया जी ने नन्दकुमार बघेल जी को अपने गिरफ्त में लेकर उन्हें मिसगाईड (दिगभ्रमित) करके एकीकरण की कोशिश में बाधक बन गये हैं। ऐसे में देश के विभिन्न राज्यों के कूर्मि शाखाओं और उपजातियों के मित्रों को इस गम्भीर विषय पर विचार विमर्श करने निर्णय लेना ही होगा। हमारा महासभा के दोनों गुटों के एकीकरण करके मजबूत बनाने की कोशिश जारी है और आगे भी जारी रहेगी। क्या आप सहमत है और सहयोग करना चाहते हैं तो कृपया हमसे सम्पर्क करे।
संवाददाता शकील अहमद के साथ यूपी हेड रामशरण कटियार की खास रिपोर्ट।