(आला अधिकारियों की मौजूदगी में तहसील कर्नलगंज के सम्पूर्ण समाधान दिवस में गेम खेलते व चैटिंग करते नज़र आये कर्मचारी,वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल)
कर्नलगंज (गोण्डा) ।।शासन के निर्देशानुसार फरियादियों, पीड़ितों,आम जनता को स्थानीय स्तर पर त्वरित न्याय दिलाने का दावा मात्र कागजों तक सीमित होकर रह गया हैं वहीं जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी निरंकुश होकर जमकर मखौल उड़ा रहे हैं।
जिसका जीता जागता उदाहरण स्थानीय तहसील कर्नलगंज के सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में देखने को मिला, जहां मंडलीय आलाअधिकारी अपर आयुक्त देवीपाटन मंडल, उपजिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी आदि जिम्मेदार अधिकारियों की मौजूदगी में एक कर्मचारी गेम खेलता रहा,वहीं कुछ अधिकारी/ कर्मचारी सोशल मीडिया पर व्यस्त दिखाई पड़े। जिसकी वीडियो, तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। विदित हो कि शासन के निर्देश पर जनता की समस्याओें को सुनने और त्वरित निराकरण कर न्याय दिलाने के संबंध में माह के पहले व तीसरे मंगलवार को आयोजित होने वाले संपूर्ण समाधान दिवस के क्रम में तहसील कर्नलगंज में मंगलवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें उपजिलाधिकारी, अपर आयुक्त, क्षेत्राधिकारी, तहसीलदार सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौके पर उपस्थित रहकर जन समस्याओं को सुन रहे थे। वहीं उसी सभागार में मौजूद एक कर्मचारी इसके विपरीत अपने मोबाइल पर गेम खेलने में व्यस्त दिखाई पड़ा,वहीं कुछ अधिकारी/कर्मचारी सोशल मीडिया पर चैटिंग करते नजर आये। इससे स्पष्ट पता चलता है कि ऐसे कर्मचारी,अधिकारी जन पीड़ित फरियादियों की समस्याओं को कितनी गंभीरता से लेते हैं और शासन के निर्देशों पर कितना अमल हो रहा है। उक्त निरंकुश कर्मचारी को गेम खेलते और अन्य कुछ कर्मचारी, अधिकारी को सोशल मीडिया पर व्यस्त देखकर किसी फरियादी ने इसे कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर वीडियो/तस्वीर वायरल कर दिया।इस संबंध में पत्रकारों द्वारा अधिकारियों से सवाल पूछने पर कर्मचारी को फटकार लगाकर गेम खेलने से मना किया गया। किन्तु कर्मचारी के इस कारनामे ने यह जरूर दिखा दिया कि जिले के जिम्मेदार कर्मचारी,अधिकारी संपूर्ण समाधान दिवस को कितनी गंभीरता से लेते हैं और शासन और उच्चाधिकारियों का इन पर कितना अंकुश है।इस सम्पूर्ण मामले पर यह कहावत "जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का" सटीक बैठती दिख रही है।