अंबेडकर नगर:- नवनियुक्त शिक्षकों के दो दिवसीय "अभिमुखीकरण कार्यक्रम" फेस टू का आयोजन दिनांक 21-01- 2021 एवं 22-01- 2021 को जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान आलापुर अंबेडकरनगर द्वारा किया गया। इस दौरान प्राचार्य मनोज कुमार गिरि जी ने ट्रेनिंग के दूसरे दिन प्रमाण पत्र प्रदान करने से पूर्व संबोधित करते हुए कहा कि सभी लोगों को परिषदीय शिक्षा के बारे में जानना चाहिए और उसकी उपादेयता को समझना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से व्यक्ति के प्रदर्शन में सुधार व गुणवत्ता आती है। इस प्रशिक्षण मेआपके ज्ञान, कौशल व अभिवृत्ति (नॉलेज, स्किल और एटीट्यूड) के ऊपर फोकस किया जा रहा है।इससे भविष्य में शिक्षण के दौरान आप सभी को किसी भी तरह दिक्कत नहीं होगी।
वर्तमान समय में परिषदीय शिक्षा में व्यापक सुधार हुआ है ,तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं और इन योजनाओं के बारे में जानकारी होने के बाद ही उस पर ठीक तरीके से अमल किया जा सकता है।प्राचार्य ने कहा कि हमारे परिषदीय विद्यालयों में ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थी आते हैं और यह हमारे लिए सुनहरा अवसर है कि हम उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें और हमें इसमें अपना योगदान पूर्ण मनोयोग से देना चाहिए। साथ ही यह भी बताया गया कि अभिमुखीकरण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ही आप सभी को बेसिक शिक्षा विभाग के संबंध में जानकारी देना तथा इसके द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में बताना था, जिससे कि आप सभी शिक्षकों को अपने विद्यालयों में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने कहा कि यह प्रशिक्षण नवनियुक्त शिक्षकों को कार्यों को सही एवं प्रभावपूर्ण ढंग से सम्पन्न करने के लिए,जानकारी प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया था,जिससे आप की कार्य के प्रति समझ, कार्यक्षमता तथा गुणवत्ता में वृद्धि हो सके। जरूरत है कि प्रशिक्षणों की गंभीरता व उसकी उपयोगिता में विश्वास बने और सीखने-सीखने का माहौल जारी रखें।वर्तमान में शिक्षक प्रशिक्षण की जगह ‘शिक्षक शिक्षा’ शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। यानि शिक्षक अपने विषय से संबंधित तैयारी खुद करें और अपने पेशेवर कौशलों व क्षमताओं के विकास के लिए पहल करें। वे खुद से सीख सकते हैं। उनको अपने सीखने के तरीके और रुचि के हिसाब से खुद को तैयार करना चाहिए।
इससे पूर्व प्रशिक्षण के पहले दिन प्रभारी प्राचार्य डायट/ प्रशिक्षण प्रभारी श्रीमती वीना चौधरी ने प्रशिक्षण के उद्देश्य तथा जनपद सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक विषय पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में बताया कि शिक्षक समाज का निर्माता एवं मार्गदर्शक है।शिक्षक काअपना संपूर्ण व्यक्तित्व उसके आचरण ,व्यवहार, नेतृत्व क्षमता, सीखने और सिखाने की क्षमता, सहयोग पूर्ण व्यवहार, बच्चों के साथ उसका आत्मीय संबंध ,उसकी वेशभूषा, समाज में उसकी भूमिका आदि पर निर्भर करता है । एक आदर्श शिक्षक के रूप में वहीं शिक्षक आ सकते हैं जो अपना तन, मन, और धन अपने विद्यार्थियों के लिए देने के लिए दृढ़ संकल्पित रहते हैं।
शिक्षक को चतुर ,नेतृत्व क्षमता वाला होना चाहिए।आदर्श शिक्षक को अपने समस्त उत्तरदायित्व का पूर्ण निर्वहन करना चाहिए। अभिव्यक्ति की क्षमता होना चाहिए, ताकि वह अपनी बात अपने विद्यार्थियों तक पहुंचा सके। किसी भी संकट के समय उसकी बुद्धि इतनी तीव्र होना चाहिए कि वह तुरंत निर्णय करके क्या करना है? यह सोच सके स्वयं की गरिमा रखते हुए सदैव सदैव यह भाव रखें कि" -मैं शिक्षक हूं, मैं शिक्षा की तस्वीर बदल दूंगा "भारत के विद्यार्थियों की तकदीर बदल दूंगा"। शिक्षक को सदैव अपने पद एवं गरिमा के अनुरूप कार्य करना चाहिए।
इस दौरान डायट प्रवक्ता श्रीमती शुचि राय ने आधारशिला ध्यानाकर्षण, शिक्षण संग्रह प्रकाश डाला। ई पाठशाला फेज-2 पर मोहम्मद अफजल व रवि प्रकाश चौधरी ने विस्तृत रूप से प्रकाश डाला डाला। डॉ विजय चंद्र मिश्रा ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रशासनिक ढांचे तथा बेसिक शिक्षा विभाग में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों/ योजनाओं पर प्रकाश डाला। मिशन प्रेरणा के अंतर्गत प्रणाली प्रेरणा सूची , प्रेरणा तालिका पर विस्तृत रूप से श्रीमती श्वेता सिंह ने प्रकाश डाला । ऑपरेशन कायाकल्प 14 पैरामीटर पर श्री दिनेश कुमार मौर्य और डॉ सुरेश कुमार ने अपने विचार व्यक्त किए । डायट प्रवक्ता श्याम बिहारी बिंद द्वारा समग्र शिक्षा के अंतर्गत संचालित गतिविधियों , सामुदायिक सहभागिता एवं समावेशी शिक्षा व बालिका शिक्षा पर चर्चा की। दीक्षा रीड, अलांग एप ,मानव संपदा को डाउनलोड करना एवं उसका अनुप्रयोग पर विस्तृत चर्चा श्री प्रमोद कुमार सेठ व राकेश कुमार वर्मा ने की। पाठ योजना पर चर्चा डॉ सुरेश कुमार एवं ऐश्वर्या राय लक्ष्मी ने की। श्री वेद प्रकाश चौरसिया द्वारा रिमेडियल टीचिंग पर विशेष से प्रकाश डाला गया। इस दौरान शशिकांत, श्री वीरेंद्र वर्मा, नित्येश प्रसाद तिवारी,श्री अच्छेलाल, श्री चंद्रकेश, गंगादीन यादव ,दिनेश कुमार मौर्य, सरबजीत सिंह आदि उपस्थित थे।