उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की कई ग्राम पंचायतों के प्रधान का खेल इस्टाट पैसा फेंको वोट खरीदो सपा बसपा कॉंग्रेस के पक्के सिपाही दल बदलू नेताओं में हुए शामिल
शादाब अली की खास रिपोर्ट
कुछ लोग भगवा चोला ओढ़कर उत्तर प्रदेश के ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर एक साफ-सुथरी छवि वाले विधायक को भी नहीं पता कि भूमाफिया उनकी तस्वीर लगा कर किस तरह से अधिकारियों में जमा रहा है अपनी हनक हालांकि विधायक भी कोई दूर के नहीं है लेकिन उन्नाव जिले में जब इस भू माफिया के आगे अधिकारी से लेकर शासन-प्रशासन तक नतमस्तक होता नजर आ चुका है यह तो विधायक जी हैं हर जगह विधायक जी के फोटो लगाकर अपने आप को हीरो बनना चाहता है अब देखने वाली बात यह होगी कि बांगरमऊ विधायक श्रीकांत कटिहार इस भूमाफिया का पुराने इतिहास पर भी एक नजर डालेंगे या अपनी फोटो देख कर मुस्कुराते रहेंगे कीव के एक भोले-भाले साफ-सुथरी छवि वाले विधायक की छवि को धूमिल करना यह इनका पैसा बन चुका है आज इसके तो कल उसके
उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत के चुनाव में क्या दल-बदलुओं के लिए 2022 का चुनाव होगा कब्रगाह!
जिस तरह से सपा बसपा कॉंग्रेस के नामचीन नेताओं का आए दिन पाला बदलने का ताता लगा हुआ है भाजपा के के संपर्क में
आखिर कब तक चलेगी ये पाला अदला-बदली
उत्तर प्रदेश की राजनीति आयाराम-गयाराम के लिए बदनाम थी, लेकिन अब उत्तर ने दल-बदल में हरियाणा को पीछे छोड़ दिया है। मिशन 2022 के लिए कांग्रेस तय मान कर चल रही है कि उनकी बारी है इसलिए सरकार भी उनकी आएगी। पिछले चार साल में कांग्रेस ने जनता के लिए चवन्नी का काम भी नहीं किया है और न ही विपक्ष की सही भूमिका अदा की है। प्रदेश कांग्रेस में आज अच्छे नेताओं का टोटा है और उनके पास दो दर्जन चेहरे भी ऐसे नहीं हैं जो अपने दम पर चुनाव जीत सकते हों। लिहाजा अब कांग्रेस की नीति वही है जो 2017 में भाजपा की थी विधायकों की तोड़-फोड़।
उनको दरकिनार कर दल-बदलुओं को टिकट दिया जाएगा। ऐसे में सपा व कांग्रेस के लिए काम कौन करेगा? सवाल यह भी है कि क्या जनता इतनी मूर्ख या मजबूर है कि इन दल-बदलुओं को ही जिताती रहेगी। क्या यह मान लिया जाए कि जिसकी लाठी भैंस उसकी? यानी पैसा फेंको और वोट खरीद लो। क्या जनता की मानसिकता बदलेगी और जनता इन दल-बदलुओं को सबक सिखाएगी।