अंबेडकरनगर - लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की बढ़ती ताकत को घटाने का मंसूबा कामयाब नहीं होगा। रिपब्लिक भारत के चीफ एडिटर अर्णव गोस्वामी के साथ महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा किए गए अमानवीय कृत व्यवहार की पत्रकार समाज कल्याण समिति की जनपद इकाई अंबेडकरनगर कड़े शब्दों में निंदा करती है।
इस मामले को माननीय न्यायालय के द्वारा स्वतः संज्ञान में लेने एवं दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग करते हुए पत्रकार समाज कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष हरिमोहन दुबेने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा जिस तरह से चीफ एडिटर की गिरफ्तारी की गई है वह किसी कानून और संविधान की रक्षा के लिए नहीं बल्कि देश के चौथे स्तंभ को नीचा दिखाने के लिए महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा इस तरह का प्रोपोगंडा फैलाया गया। इस मामले में रिपब्लिक भारत के चीफ एडिटर दोषी हैं या निर्दोष इसका फैसला अदालत करेगी। लेकिन पुलिस के द्वारा इतने बड़े पत्रकार के साथ जो रवैया अपनाया गया वह निंदनीय एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए चिंताजनक है।