12वाॅ बौद्ध महोत्सव सम्पन्न भारतीय एकता! मानव विकास! हमारा प्रयास।

उन्नाव :- दि. 28अक्तूबर, 2020,दिन- बुधवार को ग्राम- दलनखेड़ा पोस्ट वाजिदपुर, तकिया पाटन, तहसील बीघापुर,जनपद- उन्नाव के संतोष बुद्ध विहार एवं माता कैलासा देवी स्मृति विहार के प्रांगण में सरकार द्वारा निर्धारित लाॅकडाउन के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करते हुए कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। 


        

सर्वप्रथम संतोष बुद्ध विहार के अध्यक्ष श्रद्धेय रामसेवक चन्द्रा जी ने पूज्य भन्ते शान्ति रक्षित( राजेपुर- उन्नाव) जी  से  त्रिशरण,पंचशील धारण करने के लिए याचना करके प्रारम्भ किया, तत्पश्चात्  पूज्य भन्ते जी के द्वारा उपस्थित जन समूह को त्रिशरण एवं पंचशील ग्रहण कराया गया। पधारे हुए अतिथियों एवं अन्य विद्वद्जनों के द्वारा भगवान बुद्ध एवं बाबा साहेब डॉ.भीम राव अम्बेडकर के चित्रों पर पुष्पार्पित किए गए।


श्रद्धेय एम. एल. प्रेमी जी ने गीत के माध्यम से बाबा साहब की वंदना की-- ज्ञान दीपक जलाया जो है भीम जी ने, शीश झुकता है सबका नमन के लिए।

प्रमुख वक्ता  मानव विकास संस्थान, उत्तर प्रदेश के, अध्यक्ष- मा. डॉ.जी.पी. मानव जी  (सेवानिवृत्त उपप्राचार्य के. वि. सं.) ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज से 2064 वर्ष पूर्व तथागत भगवान गौतम बुद्ध भारत में पैदा हुए थे। जो सबसे पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने समता,स्वतंत्रता, बन्धुता,न्याय एवं ज्ञान -विज्ञान  पर आधारित सामाजिक आन्दोलन चलाकर मानवतावादी धम्म) सुमार्ग बताया।


संसार में महान कहा जानेवाला  सम्राट अशोक ने तथागत भगवान बुद्ध के धम्म को राजपरिवार सहित अपना कर, उसको प्रचारित करने के लिए भगवान बुद्ध के 84000 उपदशों को, 84000 स्तूप बनवा कर उन पर भगवान बुद्ध के उपदेश लिखवाया एवं अपने पुत्र महेन्द्र तथा पुत्री संघमित्रा को बौद्ध भिक्षु बनाकर बौद्ध धम्म का विदेशों में भेज कर प्रचार- प्रसार कराये। किस तरह पुष्यमित्र शुंग (सेनापति) ने अपने सम्राट ब्रहत्द्रथ मौर्य की हत्या करके राजा बना। मनुस्मृति के नाम से काले कानून लिखवाया एवं कठोरता के साथ लागू करके गुलाम बनाया। उस काले कानूनों की किताब ( मनुस्मृति) को विश्वरत्न, ज्ञान के प्रतीक, संविधान निर्माता  बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर ने 25 दिसंबर 1927 में होली के रूप में जलवाया था।

 भगवान बुद्ध की विचारधारा को हमारे बहुजन समाज में जन्मे गुरूरविदास, गुरूकबीर, गुरू नानक देव, गुरू घासीदास, गुरू चोखामेला, गुरू तिरुवल्लुवर, गुरू नारायणा,पेरियार ई. वी. रामा स्वामी नायकर  ,ज्योतिबा राव  फूले ,साहू जी महाराज आदि ने जीवित रखा। उसे ही बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर ने सब कुछ कुर्बान करके अपमान सहन करते हुए उच्च शिक्षा हासिल करके मौका मिलने पर   भारतीय संविधान में बुद्ध धम्म को लोकतंत्र के रूप में, बिना किसी भेदभाव के वंचित, शोषित,पीड़ित एवं परिगणित लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए कुछ विशेष सुविधाएं प्रदान कर संविधान लागू करवाया।

14 अक्टूबर 1956ई. अशोक विजय धम्म दशमी  को अपने  पांच लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म ग्रहण कर उसका पुनर्जागरण किया।विषमतावादी लोगों को आज भी संविधान स्वीकार नहीं है। जो संविधान समाप्त करने या बदलने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। जबतक संविधान सुरक्षित है। तबतक बहुजन समाज सुरक्षित है।अतः अपने को एवं अपनी भावी पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए भगवान  बुद्ध एवं बाबा साहेब के अनुयायी बनिये, संविधान के दायरे में रहते हुए एकजुट होकर संविधान की सुरक्षा हेतु आन्दोलित रहिये। 

मानव विकास संस्थान के कर्मठ एवं ओजस्वी कार्यकर्ता मा. सोहन अम्बेडकर जी ने बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर के द्वारा जहाँ दुनिया के समस्त मंत्रों(सूत्रों)को समाप्त कर, केवल तीन मंत्रों(सूत्रों) को ही शेष रखा है(1) शिक्षित करो! (2) संगठित रहो!! (3) संघर्ष करो!!! पर विस्तार से चर्चा किया और अन्त में कहा कि शिक्षा बिना बहुसंख्यक समाज में सुधार संभव नहीं है।अतःसामाजिक संगठनों को चाहिए कि समाज को शिक्षित करने पर ज्यादा ध्यान दें।मा.डॉ  सुरेश उजाला जी(सेवानिवृत्त अधि.सू.वि.सुप्रसिद्ध कवि) ने अपनी कविताओं से सभी को प्रफुल्लित कर दिया।

मा.डॉ टी.पी.राही जी(प्रोफेसर L.U., महान लेखक व संपादक) ने संस्मरण के माध्यम से बाबा साहब के मिशन में लगे रहने को अभिप्रेरित डॉ.के.पी.सागर जी(सेवानिवृत्त प्राचार्य) ने सभी धर्मों से सर्वोपरि संविधान को मानकर सबको एक साथ मिलकर रहने का संदेश दिया।

 मा.रामसेवक जी(अध्यक्ष संतोष बुद्ध विहार) ने भगवान बुद्ध के सिद्धांत समता,ममता, करूणा, मैत्री एवं  पंचशीलों का पालन करते हुए जीवन जीने की बात कही।

मा.एस.एल.अहिरवार जी( सेवानिवृत्त इन्पेक्टर यू.पी.पी.) ने बहुजन प्रोडक्ट उपस्थित सभी मुख्य लोगों को भेट करते हुए आग्रह किया आप  लोग इनका उपयोग करें इसके अतिरिक्त   मा.अमित गौतम, कु. श्वेता गौतम, कु.शील रत्ना ने श्रमण संस्कृति पर अपने विचार व्यक्त किये।कार्यक्रम संयोजक मा.डॉ. श्रीष गौतम जी द्वारा ग्राम एवं क्षेत्र के पधारे हुए गरीबों को कम्बल साॅल वितरण कर धम्म सभा में शामिल होने की हार्दिक बधाई एवं मंगल कामनाएं दी कार्यक्रम का सफ़ल संचालन मा. रवीन्द्र कुमार गौतम जी(मानव विकास संस्थान के कार्यकर्ता) ने अपनी सहज, सरस एवं कर्णप्रिय वाणी से श्रोताओं तथा वक्ताओं का सम्मान बढ़ाया।प्रसाद- वितरण पश्चात् सभाध्यक्ष पूज्य भन्ते शान्ति रक्षित जी आशीर्वाद के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

मा.सी. पी. एन. गौतम जी ने उपस्थित जनसमूह का धन्यवाद ज्ञापित किया।भगवान बुद्ध की करुणा हो।

बाबा साहब अम्बेडकर अमर रहें।

जय भीम! जय भारत!! जय संविधान!!!

   रिपोर्ट प्रस्तुतकर्ता-  डॉ.अयोध्या प्रसाद,सदस्य मानव विकास संस्थान, उत्तर प्रदेश।

कुछ चित्र संलग्न हैं।

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