प्रधानों ने जनता के मंसूबो पर पानी फेरना कर दिया है चालू।

जिला उन्नाव में अभी से कुछ जिला पंचायत के प्रधानों ने जनता के मंसूबो पर पानी फेरना चालू कर दिया है जिस भूमाफिया  ने एक नही कई ग्राम समाज की जमीन से लेकर  हरिजन समाज की जमीनों पर भी कब्जा कर कर जुतवा डाला हो व उनके सहयोगीयो भी जिनका अपराधिक इतिहास गवाह हो और कुछ व्हाट्सएप के जरिए व सोशल मीडिया पर कुछ चाटुकार ही इनको हीरो बनाना चाहते हो तो ऐसे में क्या जनता का विकास करा पाएंगे।

उन्नाव।उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में प्रमुख राजनैतिक पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है, मौजूदा उपचुनाव 2022 के विधानसभा चुनावों में इम्तिहान की पहली कड़ी के रूप में भी देखा जा रहा हैं। जिसमे उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव प्रमुख है, बलात्कार के आरोप में पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के जेल जाने के बाद बांगरमऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है, जहां एक ओर बीजेपी अपनी सीट को कायम रखने के उद्देश्य से पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता श्रीकांत कटियार को टिकट देकर चुनाव मैदान में है तो वही दूसरी ओर जनपद में अंतरकलह से जूझ रही समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सपने तथा इरादों पर पानी फेरते हुए  बांगरमऊ में चुनाव लड़ रहे सुरेश पाल को जिताने का मंत्र लेकर गंगाघाट के भूमाफियाओं ने बांगरमऊ में कमर कस ली है।


बांगरमऊ से सपा के पूर्व विधायक बदलू खां को उपचुनाव में टिकट कटने से नाराज सपा के आधार मुस्लिम मतदाता पहले से ही नाराज है अब गंगाघाट के घोषित भूमाफियाओं बीरबल गुजराती जैसे तमाम लोग सपा प्रत्याशी सुरेश पाल के चुनाव की जिम्मेवारी अपने कंधों पर उठा रखी है। विगत दिनों गंगाघाट थाना क्षेत्र अंतर्गत चम्पापुरवा में ग्राम समाज की जमीनों को अवैध रूप से बेचने के आरोप में प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए भूमाफिया के निर्माण का ध्वस्तीकरण किया गया था। प्रशासन द्वारा घोषित भूमाफिया बीरबल गुजराती अपने अन्य साथी भूमाफियाओं के साथ सपा प्रत्याशी सुरेश पाल के समर्थन में गंगाघाट की सरकारी जमीनों को बेच कर अर्जित काली कमाई से चुनाव मैदान में मतदाताओं को भ्रमित करने में सक्रिय है। जिले में कुख्यात भूमाफियाओं के साथ सपा प्रत्यासी द्वारा चुनाव प्रचार निश्चित तौर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा बांगरमऊ विधानसभा के मतदाताओं के गले के नीचे उतरने को तैयार नही है।

जहां एक ओर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रदेश में पुनः सत्ता वापसी तथा स्वच्छ राजनीति की पहचान बनाने के लिए दिन रात एक किये हुए है तो वही प्रदेश में सबसे प्रमुख उन्नाव से बांगरमऊ सीट पर उपचुनाव में प्रत्याशी सुरेश पाल के साथ जिले के कथित भूमाफियाओं का जनसंपर्क तथा जिम्मेवारी अखिलेश के मंसूबो तथा बांगरमऊ की जनता की सपा के प्रति निष्ठा पर सवालिया निशान खड़ा करती है। जहां वहीं दूसरी तरफ बांगरमऊ विधानसभा चुनाव होते ही कुछ जिला पंचायत प्रधान अभी से ही तैयारी में लग गए हैं  जो किए खुद सरकारों की जमीनों पर ही हमेशा से ही अपनी आंखें जमाई रहता है और शासन व प्रशासन से लेकर सत्ता के सहयोग से कई सरकारी जमीनों पर अब तक भू माफिया का कबजा है लेकिन उन्नाव जिले की तहसील सफीपुर  का शासन-प्रशासन नतमस्तक है अपनी दी गई रिपोर्ट में वह अपनी सरकारी कलम में भी कहा गया है कि सरकारी तालाब की भूमि है लेकिन उसके बावजूद कई बार नोटिस आदेश देने के बाद भी उस भूमाफिया पर कार्रवाई करना तो दूर रहा उसके आसपास भी कोई अधिकारी नजर नहीं आते हैं और जो कि आज उनके सहयोगी बनकर जिनका अपराधिक इतिहास व कुछ चाटुकार सोशल साइड पर उनको हीरो बनाना चाहते हैं अगर इतिहास देखा जाए तो पन्ने भी कम पड़ जाएंगे ऐसे भू माफियाओं से लेकर ऐसे सहयोगी का जिनका नाता ही अपराधिक व भू माफिया ही रहा हो तो जनता की क्या सेवा कर पाएंगे और ऐसे में गरीब जनता का और रहना दुश्वार हो जाएगा जनता को न्याय पाना तो मुश्किल रहा पर अगर कहीं दूर से दूर तक इस तरह के कई ग्राम प्रधानों में हिस्ट्रीशीटर जिनका इतिहास पन्नों में रचा हुआ है अगर ऐसे प्रधान जीतकर आएंगे तो भोली भाली जनता को फिर से वह अपना गुलाम बना लेंगे ऐसे में इन लोगों से होशियार ही रहकर मतदान करना जरूरी है।

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