फतेहपुर :- पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शासन ने ग्राम प्रधानों की जवाबदेही तय कर दी है। ग्राम पंचायतों की खुली बैठक आज धाता थाना अध्यक्ष बिरेन्द्र सिंह ने क्षेत्र के सभी प्रधानो के साथ गोष्ठी के दौरान कहा गया कि गांव गांव घर घर मुनादी व लउडीस्पीकर के माध्यम से जागरूक करे अगर जागरूक करने के बाद भी पराली जलाए जाने की सूचना नहीं देने पर प्रधान को भी जिम्मेदार माना जाएगा। धाता थाना अध्यक्ष बिरेन्द्र सिंह ने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के प्रधानों के साथ बैठकर प्रधान को संबंधित ग्राम पंचायत के सभी राजस्व गांवों में पराली नहीं जलाना सुनिश्चित करना होगा।
इसके साथ ही ग्राम पंचायत की खुली बैठक कर लोगों को पराली नहीं जलाने के लिए जागरूक करना होगा जागरूकता के बावजूद अगर पराली जलाने की घटना होती है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ हल्का लेखपाल को लिखित में सूचना देंगे संबंधित लेखपाल की जिम्मेदारी होगी कि वह संबंधित थाने पर पराली जलाने वाले के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराए, साथ ही क्षतिपूर्ति वसूली के लिए अपने स्तर से संबंधित उपजिलाधिकारी को लिखित में सूचित करे अगर पराली जलाए जाने की घटना होने पर प्रधान द्वारा सूचना नहीं दिए जाने पर पराली जलाने वाले के साथ ही संबंधित प्रधान को भी संलिप्त माना जाएगा और पराली जलाने वाले आरोपी के साथ ही प्रधान को सह-आरोपी बनाते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी
खुली बैठक में जागरूक करेंगे प्रधान व राजस्व कर्मी लोगों को पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण,खेती की उर्वरा शक्ति पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई और इसके साथ ही पराली जलाने पर संबंधित व्यक्ति से क्षतिपूर्ति वसूली,उसके विरुद्ध कारावास और अर्थदंड दिए जाने की जानकारी देते हुए जागरूक किया जाएगा पंचायत भवन पर अंकित होगा एनजीटी अधिनियम सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण का अधिनियम पेंट कराया जाएगा जिसके अनुसार दो एकड़ से कम क्षेत्र के फसल अवशेष जलाने पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति 2500 रुपये वसूला जाएगा दो से पांच एकड़ के लिए पांच हजार रुपये, पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 रुपये वसूला जाएगा पराली जलाने की पुनरावृत्ति करने पर कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया जाएगा।
उन्नाव से आशीष कुमार मौर्य की रिपोर्ट।