अंबेडकर नगर:- अकबरपुर में रमाबाई राजकीय महिला महाविद्यालय अकबरपुर, अंबेडकर नगर में लैंगिक विभेद ,महिला स्वावलंबन, पास्को एक्ट, बालिका सम्मान, महिला सशक्तिकरण पर आज ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य व संरक्षक प्रोफेसर शेफाली सिंह ने की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ रजनीश कुमार यादव, एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, लखनऊ थे। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर शेफाली सिंह ने मुख्य अतिथि एवं सभी प्रतिभागियों, विद्वत जनों का स्वागत करते हुए मिशन शक्ति के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान, स्वावलंबन, महिला अपराध सम्बन्धी कानूनों के सरलीकरण हेतु अपनाए गए उपायों पर चर्चा की। सशक्त महिला सशक्त समाज देश के विकास में दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं देश में महिलाओं का सशक्तिकरण होना आज की महती आवश्यकता है।महिलाओं की आध्यात्मिक, राजनीतिक, सामाजिक ,आर्थिक शक्ति में वृद्धि करना ही महिला सशक्तिकरण है। सरकार को महिलाओं के वास्तविक विकास के लिए पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में जाना होगा और वहां की महिलाओं को सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं और उनके अधिकारों से अवगत कराना होगा जिससे उनका भविष्य बेहतर हो सके।
महिला सशक्तिकरण की सपने को सच करने के लिए लड़कियों के महत्व और उनकी शिक्षा को प्रसारित करने की आवश्यकता है ।21वी सदी नारी जीवन में सुखद संभावनाओं की सदी है ।महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आने लगी है ।आज की नारी अब जागृत और सक्रिय हो चुकी है।किसी ने बहुत अच्छी बात कही है नारी जब अपने ऊपर थोपी हुई बेड़ियों एवं कड़ियों को तोड़ने लगेगी तो विश्व की कोई शक्ति उसे रोक नहीं पाएगी ।वर्तमान में नारी ने पुरुषवादी बेड़ियों को तोड़ना शुरू कर दिया है, यह एक सुखद संकेत है। लोगों की सोच सोच बदल रही है,फिर भी इस दिशा में और भी अधिक प्रयास करने की जरूरत है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ रजनीश कुमार यादव एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय लखनऊ ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय समाज में स्त्रियों को अत्यंत आदर पूर्ण स्थान प्रदान किया गया था। उन्होंने अपने उद्बोधन में भारतीय संविधान द्वारा महिलाओं को प्रदत विधिक अधिकारों पर विधिवत चर्चा की। अपने उद्बोधन में उन्होंने घरेलू हिंसा रोकथाम कानून ,महिला संरक्षण अधिनियम- 2005, समान पारिश्रमिक अधिनियम -1976, भारतीय दंड संहिता की धारा- 375 की उपयोगिता, धारा 376 के विधान से महिलाओं को न्याय दिलाने वाला कानून, आईपीसी की धारा- 377 व जीरो एफ.आई.आर.आदि पहलुओं पर प्रकाश डाला। अपने वक्तव्य में उन्होंने पॉस्को अधिनियम 2012 के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला ।उन्होंने बताया कि पॉस्को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम का संक्षिप्त नाम है। यह अधिनियम बच्चों को 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है और बच्चों का शारीरिक कम भावनात्मक अधिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करने के लिए हर चरण को ज्यादा महत्व देते हुए बच्चों के श्रेष्ठ हितों और कल्याण का सम्मान करता है।इस अधिनियम में लैंगिक भेदभाव नहीं है। पॉस्को अधिनियम 2012 में प्रस्तावित संशोधन बाल यौन अपराध की बढ़ती प्रवृत्तियों को रोकने में सहायता कर सकते हैं ,हालांकि यौन अपराधों के लिए कठोर से कठोर दंड के प्रावधान मौजूद होने के बावजूद तेजी से बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने में समाज असफल ही रहे हैं। बच्चों की पोर्नोग्राफी सामग्री को नष्ट करने/ भंडारण करने / अपने पास रखने जैसे अपराधों के लिए दंड का प्रावधान निश्चित ही कारगर साबित हो सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि उक्त अधिनियम को पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा से लागू करने की जरूरत है।
इस अवसर पर इतिहास विभाग के रवींद्र कुमार वर्मा ने बताया कि किसी सभ्यता की आत्मा को समझने तथा उसकी उपलब्धियों एवं श्रेष्ठता का मूल्यांकन करने का सर्वोत्तम आधार स्त्रियों की दशा का अध्ययन है । महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख किया । सरकार द्वारा संचालित बच्चियों के विकास एवं सशक्तिकरण के लिए सुकन्या समृद्धि योजना ,कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना ,बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ योजना, उज्ज्वला योजना, , लाड़ली लक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, समेकित बाल विकास योजना राष्ट्रीय पोषण मिशन, समेकित बाल संरक्षण योजना आदि योजनाओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की। इस अवसर पर महाविद्यालय के मुख्य शास्ता डॉ अरविंद कुमार वर्मा ,डॉ शाहिद परवेज, कुंवर संजय भारती ,डॉ मनोज गुप्ता, डॉ अखिलेंद्र प्रताप सिंह ,डॉ नंदन सिंह ,डा अजीत प्रताप सिंह , डॉ महेंद्र यादव ,राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी डॉ राजेश यादव, डॉ सीमा यादव, श्री चंद्रभान, श्रीमती संगीता ,श्रीमती विजयलक्ष्मी यादव, डॉ पूनम आदि उपस्थित थे।
ओंकार नाथ सिंह रिपोर्टर उत्तर प्रदेश.