अंबेडकर नगर:- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं/बालिकाओं की सहभागिता, सम्मान, आत्म सुरक्षा, पोक्सो एक्ट एवं महिला अपराध संबंधी कानूनों का वृहद् प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रदेश में संचालित किए जा रहे "मिशन शक्ति अभियान" कार्यक्रम (दिनांक-17/10/2020- दिनांक-25/10/2020 तक) के अंतर्गत आज सातवें दिन रमाबाई राजकीय महिला महाविद्यालय अकबरपुर,अंबेडकर नगर की प्राचार्य एवं संरक्षक प्रोफेसर शेफाली सिंह ने महाविद्यालय की छात्राओं, एवं अभिभावकों को प्रथम सत्र में महिला सुरक्षा सम्मान व उन्हें बराबरी का दर्जा देने तथा उनके साथ गरिमापूर्ण व्यवहार करने हेतु संबोधित किया।
अपने उद्बोधन में उन्होंने बताया कि सृष्टि के निर्माण में महिलाओं का भी उतना योगदान है जितना पुरुष का, लेकिन अधिकार के मामले में नारी पीछे हैं।कोई राष्ट्र कितना भी तरक्की कर ले लेकिन अगर महिला सशक्त नहीं है तो उसका पूर्ण विकास नहीं माना जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि नारी को संवैधानिक दृष्टि से अधिकार प्राप्त हैं, लेकिन व्यवहारिक रूप से नहीं यह स्थिति ठीक नहीं है। आज हम सभी को महिला समानता के लिए सकारात्मक सोच रखने की आवश्यकता है। नारी के प्रति किसी भी प्रकार का दुराग्रह या दोहरा आचरण नहीं होना चाहिए ।
प्रोफ़ेसर शेफाली सिंह ने बताया कि आज जहां पर भी नारियों को अवसर मिला है वहां पर नारी अपनी पूरी क्षमता और निष्ठा के साथ उस कार्य को संपादित किया हैं ।उन्होंने कहा कि लड़कियों को सुरक्षा सम्मान व स्वावलंबी बनाने के लिए महाविद्यालय प्रयासरत है ।नारियां प्रत्येक क्षेत्र में अपना सर्वोत्तम योगदान दे रही हैं ,चाहे वह शिक्षा जगत, पुलिस व्यवस्था हो, पंचायती राज व्यवस्था, चिकित्सा क्षेत्र हो या फिर अनुसंधान संस्थान या कोई अन्य क्षेत्र। वर्तमान दौर महिला सशक्तिकरण का दौर है आज महिलाएं आगन से निकलकर अंतरिक्ष तक पहुंच गए हैं लेकिन फिर भी कुछ क्षेत्रों में महिलाओं की हालत दयनीय बनी हुई है इसलिए महिलाओं को समाज में और सशक्त बनाने के लिए सरकार ने घरेलू हिंसा अधिनियम- 2005 ,दहेज अधिनियम -1961,हिंदू विवाह अधिनियम -1955 और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम -1948 जैसे कानून बनाए हैं। इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग के प्रभारी डॉ अरविंद कुमार वर्मा ने कहा शिक्षित शिक्षित व तत्व आत्मनिर्भर महिलाएं तथा बालिकाएं किसी समाज की उन्नति व प्रगति का आधार स्तंभ होते हैं और मिशन शक्ति का उद्देश्य इसी को साकार रूप प्रदान करता है साथ ही उन्होंने बताया कि महिलाओं को देवतुल्य बनाने से अधिक बेहतर है कि उनको भयमुक्त वातावरण व सुरक्षा उपलब्ध हो। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाले उन सभी राष्ट्रीय प्रवृत्तियों को मारना जरूरी है जैसे दहेज प्रथा अशिक्षा ,यौन हिंसा,असमानता,भ्रूण हत्या ,महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा,बलात्कार ,वेश्यावृत्ति, मानव तस्करी और ऐसे ही दूसरे विषय लैंगिक भेदभाव राष्ट्र में सांस्कृतिक सामाजिक,आर्थिक और शैक्षिक अंतर ले आता है। जो समाज को पीछे की ओर ढकेलता है इसके लिए परिवार व समाज को लड़के और लड़कियों में भेद को समाप्त करना होगा तथा उनके साथ समान व्यवहार करने की आवश्यकता है।
मिशन शक्ति के अंतर्गत बालिकाओं व महिलाएं कैसे हेल्पलाइन नंबर का प्रयोग कर सुरक्षा प्राप्त कर सकती हैं ,इस तथ्य पर सुश्री सीता पांडेय ने अपने विचार रखे तथा उन्होंने कुछ कानूनी पहलुओं पर भी प्रकाश डाला ।डॉ सुधा सह आचार्य ,हिंदी विभाग ने बताया कि मिशन शक्ति के अंतर्गत महाविद्यालय में 180 दिनों तक 17 अक्टूबर 2020 से अप्रैल 2021 तक बालिकाओं से जुड़े प्रत्येक समस्या का समाधान किया जाएगा तथा 180 दिनों के बाद भी इस दिशा में प्रयास जारी रहेगा उन्होंने इस उद्देश्य हेतु गठित समिति की भी जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ शाहिद परवेज ,रवीन्द्र कुमार वर्मा डॉ महेंद्र यादव ,डॉ मनोज गुप्ता ,डॉ नंदन सिंह ,विजय प्रकाश सिंह, संगीता,कुंवर संजय भारती, श्रीमती विजयलक्ष्मी यादव, डॉ सीमा यादव, डॉ, अजीत प्रताप सिंह , चंद्रभान तथा समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित था।