अम्बेडकर नगर:- कोरोना से जिंदगी सहमी जरूर थी। भय से ठहरी भी थी। पर, अनलॉक के बाद धीरे-धीरे लोगों ने डर को जीत लिया। वक्त के साथ सोच बदली। जिंदगी फिर पटरी पर है। सरपट। अपनी ही धुन में। अपने ही रंग में। वो भी तब जब कोरोना की भी गति तेज है। बदलाव जरूर आए। परिस्थितियों से दो-दो हाथ करने के लिए बदलाव तो करने ही पड़ते हैं। कोरोना काल के छह महीने 24 सितंबर को पूरे हो जाएंगे। इन छह महीनों में ठहराव के पड़ाव को पार कर जिंदगी ने कैसे रफ्तार पकड़ी, हमारी जिजीविषा कैसे चीजों को बदल रही है।रफ्तार थोड़ी धीमी है, बस नवरात्र का इंतजार
सबको उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जिंदगी पूरी रौ में होगी। लॉक-अनलॉक के छह माह पूरे होने पर आइए जानते हैं कि कैसे सब कुछ थमने के बाद पटरी पर लौट रहा है।