कानपुर:- गैंगस्टर विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई, उसकी पत्नी, भाइयों व गैंग से जुड़े लोगों की 129 संपत्तियों का ब्योरा आरटीआई एक्टिविस्ट अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपा है। ईडी ने सोमवार को जय समेत 36 लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था।
इसमें सौरभ को सरकारी गवाह बनाया जाएगा। दिल्ली से विवेचक गुरुवार को जांच करने लखनऊ पहुंच सकते हैं। सौरभ ने ईडी को शपथपत्र सौंपकर जय गैंग द्वारा अवैध रूप से कमाई गई संपत्तियों और काले कारनामों का खुलासा कर जांच की मांग की है।
कहा कि जय की लक्ष्मी कार एसेसरीज, लक्ष्मी बॉडी व लक्ष्मी इलेक्ट्रिकल्स ये तीनों शोरूम वर्ष 2017 से 2019 के बीच खोले गए। जय की ज्यादातर संपत्तियां वर्ष 2017 से पूर्व या उसके आसपास खरीदी गई हैं। तब तक जय कोई व्यापार नहीं करता था।
इतनी जल्दी लग्जरी गाड़ियां, आवासीय मकान व संपत्तियां कैसे अर्जित कर ली गईं। सौरभ ने दो दर्जन लोगों के नामों का खुलासा कर उन पर विकास दुबे की काली कमाई सफेद करने में जय का सहयोग करने की बात कही। सौरभ ने जय के बीसी के कारोबार का भी भंडाफोड़ किया।
कहा कि पहले हुई कई जांचों में जय व उसके साथी दोषी भी पाए गए हैं। ईडी, आयकर, ईओडब्लू व विजिलेंस से जांच की सिफारिश भी हुई लेकिन पहुंच के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। नजीराबाद थाने में जय की हिस्ट्रीशीट भी खोली गई जिसमें उस पर 11 मुकदमे दर्ज हैं।
इसके अलावा संरक्षण देने वाले कुछ पुलिसकर्मियों के नाम पर भी जय द्वारा संपत्तियां खरीदे जाने की बात कही और ऐसे पुलिसकर्मियों की संपत्तियों की जांच की मांग भी की। साथ ही शिकायती पत्र में सौरभ ने ब्रह्मनगर स्थित पूर्वोत्तर रेलवे की सरकारी जमीनों पर भी कब्जा कर करोड़ों में बेच डालने की बात कही है