कानपुर:-बुजुर्गों ने एक कहावत खूब कही है खुला खेल फर्रुखाबादी इस कहावत को चरितार्थ किया कानपुर के आर टी ओ कर्मचारियों ने आरटीओ का एक कर्मचारी दिपांशु शर्मा सुपरवाईजर स्मार्ट चिप का कर्मचारी है लाईसेंस अप्रूव कराने के नाम पर 500 से 1000 रूपये लेता है रूपये लेते समय भुक्तभोगी ने अपने सहयोगी के साथ यह वीडियो बना लिया इस कृत्य में कानपुर आर टी ओ और ए आर टी ओ की भूमिका भी संदिग्ध दिखाई दे रही है सूत्रों के मुताबिक जो जानकारी मिली है उसमें यह पता चला है कि वसूला जाने वाला पैसा नीचे से लेकर ऊपर तक बांटा जाता है इसीलिए इस कृत्य के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई करने के पक्ष में नहीं दिखाई देता यदि इसमें कानपुर आर टी ओ के अधिकारियों की मिलीभगत नहीं है तो इस घूसखोर के खिलाफ कार्यालय कठोर कार्रवाई करेगा वरना और मामलों की तरह इसको भी दबा दिया जाएगा।
देश के कर्मचारी एवं अधिकारी सरकारी संस्थानों को निजी कंपनियों के हाथों में देने का विरोध कर रहे है लेकिन इस तरह के भ्रष्टाचार को देखते हुए यदि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सरकारी संस्थानों को निजी संस्थानों को देने का फैसला ले रहे हैं तो यह जनता के हित में है क्योंकि भ्रष्टाचार को रोकने का काम सिर्फ निजी कंपनियां ही कर सकती हैं सरकारी संस्थानों के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा कभी भी जनता को राहत नहीं मिल सकती है जिस तरह से अभी गडकरी जी का फैसला आया है की आरटीओ दफ्तर को बंद कर नई व्यवस्था लागू की जाएगी तो यह फैसला जनता के हित में है इसमें जनता को कतई विरोध नहीं करना चाहिए।