शिवांगी सिंह लड़ाकू राफेल विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट बन गई हैं. शिवांगी को राफेल विमान के स्क्वाड्रन की पहली महिला पायलट बनने का गौरव हासिल हुआ है. उन्हें देश के सबसे ताकतवर राफेल विमान उड़ाने की जिम्मेदारी मिली है. शिवांगी की पोस्टिंग इस समय राजस्थान में है, राफेल जैसे ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल मिग-21 'बाइसन' की जगह लेंगे, शिवांगी इस भूमिका में आ जाएंगी. हैदराबाद में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद शिवांगी इस समय मिग-21 की फाइटर पायलट हैं और वह राजस्थान में हैं. इधर राफेल उड़ाने के लिए चयन होने के बाद शिवांगी सिंह के फुलवरिया स्थित घर में जश्न का माहौल है.
राफेल लड़ाकू भारतीय वायुसेना में शामिल...
10 सितंबर 2020 को पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप अंबाला एयरबेस पर औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल की गई थी. ये विमान वायुसेना के 17वें स्क्वाड्रन, ‘गोल्डन एरो’ का हिस्सा बने. अंबाला में ही राफेल फाइटर जेट्स की पहली स्क्वाड्रन तैनात है. इस स्क्वाड्रन में 18 राफेल लड़ाकू विमान, तीन ट्रैनर और बाकी 15 फाइटर जेट्स होंगे,भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया है. इनमें से पांच जेट भारत पहुंच चुके हैं और वायुसेना की अंबाला स्थित गोल्डन ऐरो स्कॉवड्रन का हिस्सा बन चुके हैं. पांच विमान अगले महीने यानि अक्टूबर में भारत आएंगे.
शिवांगी को फाइटर पायलट बनने का जुनून
शिवांगी सिंह को फाइटर पायलट बनने का जुनून उनके कर्नल रह चुके नाना से मिला था. साल 2015 में ये सपना तब पूरा हुआ, जब भारतीय वायुसेना में उनका सेलेक्शन फ्लाइंग अफसर के रूप में हुआ था।
शिवांगी सिंह के बारे में
शिवांगी सिंह का चयन भारतीय वायु सेना में साल 2015 में हुआ था और साल 2017 में कमीशन मिला था, शिवांगी की पढ़ाई सेंट मेरी कॉन्वेंट स्कूल से शुरू हुई. वे कक्षा1 से 8 तक यहीं पर पढ़ी उसके बाद 9 से 12 तक कि पढ़ाई सेंट जोसेफ शिवपुर से पूरी की बाद में बीएससी की पढ़ाई साल 2013 से 15 -16 तक सनबीम वुमेंस कॉलेज वरुणा से की. इसी दौरान 3 साल बीएचयू से एनसीसी की छात्र भी रही है, शिवांगी सिंह दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में 2013 में उत्तर प्रदेश टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं, वे अंबाला में भारत के सर्वश्रेष्ठ फाइटर पायलटों में से एक विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान के साथ भी रह चुकी हैं।