अयोध्या फैजाबाद,
भारत सरकार ने किसानों के विरुद्ध विनाशकारी कानून बनाया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त कर दिया है। उद्योगपतियों को खाद्यान्न भंडारण की असीम छूट प्रदान कर दी है। और कांट्रैक्ट फार्मिंग (ठेके की खेती) से किसानों को उनके अपने भूमि से वंचित करने की योजना बनाई है। मानव द्वारा किसानों द्वारा आंदोलित होने पर यद्यपि प्रधानमंत्री जी द्वारा या घोषणा की गई है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त नहीं किया जाएगा किंतु जो बिल संसद में पास किया गया है उसमें किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई प्रावधान नहीं किया गया है इसलिए प्रधानमंत्री जी का वक्तव्य छलावा है जब सरकार किसानों के खाद्यान्न को खरीदेगी नहीं तो उनका भंडारण कैसे करेगी। भंडारण करने के लिए पूजी पतियों को खुली छूट दे दी गई है जिससे कालाबाजारी बढ़ेगी किसानों की उपज को व्यापारियों द्वारा सस्ते दामों में क्रय किया जाएगा फिर बड़े व्यापारियों द्वारा महंगे दामों में बेचा जाएगा। से देश की जिससे देश के समस्त उपभोक्ताओं की चीजें महंगी दामों में मिलेंगी।
केंद्र सरकार के ये तीनों कानून विनाशकारी हैं और देश के किसानों को गुलामी की तरफ ले जाने वाले हैं। सरकार की इन नीतियों का विरोध माननीय बाबू सिंह कुशवाहा राष्ट्रीय अध्यक्ष "जन अधिकार पार्टी" भागीदारी संकल्प मोर्चा द्वारा लगातार किया जा रहा है। ज्ञात हुआ है कि किसानों ने उपरोक्त कानूनों का विरोध करने के लिए 25 सितंबर 2020 को भारत बंद करने का ऐलान किया है। "जन अधिकार पार्टी"व भागीदारी संकल्प पहुंचा किसानों के साथ है और 25 सितंबर को होने वाले भारत बंद में हर तरह से साथ रहगी।