अंबेडकर नगर:-देवरिया बाजार 165 साल बाद बना ऐसा संयोग कि जब प्रतिवर्ष पितृपक्ष समाप्त होते ही अगले दिन से नवरात्रि शुरू हो जाती है पर इस बार ऐसा नहीं हो रहा है इस बार पितृपक्ष समाप्त होने के एक महीने बाद नवरात्र शुरू होगा क्योंकिपितृपक्ष के तुरंत बाद अधिकमास शुरू हो गया है। अधिकमास को पुरुषोत्तम मास व मलमास भी कहा जाता है जिसका सनातन धर्म में विशेष महत्व होता है जिसके बारे में बता रहे हैं आचार्य राकेश पाण्डेय जो वर्तमान में मॉरीशस में सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।कब से शुरू है अधिकमास?
अधिकमास 17सितंबर सायं 5:00 बजे से शुरू हो चुका है। जो 16अक्टूबर तक चलेगा। इसी वजह से एक महीने बाद नवरात्रि शुरू होगी। मलमास में भगवान विष्णु की पूजा होती है। मलमास में शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि जैसे शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।शुभकार्यों को मलमास में निषेध माना गया है। क्यों और कैसेआता है अधिक मास ?पंचांग केअनुसार मलमास का आधार सूर्य और चंद्रमा कीचाल से है। सूर्य वर्ष 365 दिन औरकरीब 06 घंटे का होता है। चंद्र वर्ष354दिनों का माना जाता है। इनदोनों वर्षों के बीच 19 दिनों का अंतरहोता है। यही अंतर तीन साल में एकमहीने के बराबर होता है। इसी अंतरको दूर करने के लिए हर तीन साल मेंएक चंद्र मास आता है। इसी कोमलमास या अधिक मास कहा जाता है।अधिकमासमें क्या करें?पौराणिक मान्यताओं के अनुसारअधिक मास में भगवान कास्मरणकरना चाहिए। अधिक मास में किएगए दान आदि का कई गुणापुण्यप्राप्त होता है। इस मास को आत्मशुद्धि से भी जोड़कर देखा जाता है।अधिक मास में व्यक्ति को मन कीशुद्धि के लिए भी प्रयास करने चाहिए। आत्म चिंतन करते मानवकल्याण कीदिशा में विचार करने चाहिए। सृष्टि काआभार व्यक्त करते हुए अपने पूर्वजोंका धन्यवाद करना चाहिए। ऐसाकरने से जीवन में सकारात्मकता कोबढ़ावा मिलता है।अधिक मास का असर नवरात्रि पर--अश्विन मास में मलमास लगना औरएक महीने के अंतर पर दुर्गा पूजाआरंभ होना। ऐसा संयोग करीब 165 साल बाद होगा। इस साल दो आश्विनमास होंगे। आश्विन मास में श्राद्घऔरनवरात्रि, दशहरा जैसे त्योहार होते हैं।अधिकमास के कारण दशहरा 26अक्टूबर औरदीपावली 14 नवंबर कोमनाई जाएगी। इस बार चातुर्मास है पांच महीने का?चातुर्मास हमेशा चार महीने का होताहै लेकिन अधिकमास के
कारण चातुर्मास पांच महीने का है।लीप ईयर होने के कारण ही ऐसा हुआहै और खास बात ये है कि 165 सालबाद लीप ईयर और अधिकमास दोनोंही एक साल में आए हैं। चातुर्मास मेंकोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाताहै। धार्मिक कार्य 17 अक्टूबर को मां शैलपुत्री की पूजा के साथ शुरू होंगे 28 अक्टूबर को नवरात्रि पारण व26को विजयदशमी मनायी जाएगी।