कानपुर: देश के सबसे चर्चित कानपुर के बिकरु कांड के आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे की अस्थियों को उनकी पत्नी लेने मंगलवार को कानपुर पहुंचीं. विकास की अस्थियां 37 दिन से कानपुर के एक अस्थि कलश बैंक में रखी हुई थी.
विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे अपने वकीलों के साथ भैरोघाट पहुंचीं और नियमावली का पालन करते हुए मोक्षदान से अपने पति की अस्थियां अपने पास ली. ऋचा दुबे मीडिया से दूरी बनाते हुए चुपचाप कानपुर से रवाना हो गईं. बता दें कि बिकरु कांड के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे पर आठ पुलिस वालों की हत्या का आरोप था जिसके बाद उज्जैन में गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस विकास को कानपुर ला रही थी. जैसे ही एसटीएफ के काफिले ने कानपुर नगर की जमीन पर कदम रखा तो वह गाड़ी पलट गई जिसमें विकास बैठा हुआ था. विकास दुबे को मौका मिला और वह पिस्टल लेकर भागने लगा और रोके जाने पर एसटीएफ की टीम के साथ विकास दुबे की मुठभेड़ हुई और अंत में विकास दुबे को मार गिराया गया. 11 जुलाई की रात को इलेक्ट्रॉनिक शवदाह गृह में विकास दुबे का अंतिम संस्कार किया गया लेकिन अंतिम संस्कार के बाद विकास की पत्नी कानपुर से कहीं चली गई थीं. अब 37 दिन बाद अचानक ऋचा दुबे कानपुर पहुंचीं और विकास दुबे की अस्थियां लेकर गंगा में प्रवाहित करने के लिए चल पड़ीं. इस बारे में जानकारी देते हुए मोक्षधाम के संचालक मनोज सेंगर ने बताया कि हो सकता है ऋचा दुबे हरिद्वार में जाकर अस्थियों को प्रवाहित करें.
संवाददाता :- रवि कौशिक वाराणसी।