70 प्रतिशत पाठ्यक्रम को तीन भागों में किया जाएगा पूरा
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए संसाधन से जूझने वालों को मिलेगी राहत
विस्तार
शासन ने यूपी बोर्ड के 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम 30 फीसदी कम कर दिए हैं। पहले के मुकाबले बचा हुआ 70 फीसदी पाठ्यक्रम तीन भाग में पढ़ाया जाएगा। नियमित कक्षाएं न शुरू हो पाने की समस्या को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शासन के पास पाठ्यक्रम कम करने का प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव पर शासन ने अपनी मुहर लगा दी है।
कोरोना महामारी की वजह से शैक्षिक सत्र 2020-21 में अभी तक स्कूलों में कक्षाओं का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। शासन ने 15 जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का आदेश दे रखा हैं। लेकिन कॉलेज के साथ काफी विद्यार्थी ऐसे हैं जो संसाधनों के अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई की हालत में नहीं हैं। इसको देखते हुए पाठ्यक्रम कम करने पर मंथन किया जा रहा था।
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि शेष 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम को तीन भागों में बांटकर पूरा कराया जाएगा। पहले भाग में पाठ्यक्रम का वह भाग लिया जाएगा जिसे कक्षावार, विषयवार और अध्यायवार वीडियो बनाकर ऑनलाइन पढ़ाया गया है। उनको स्वयंप्रभा चैनल व डीडी यूपी से भी प्रसारित किया गया है।
दूसरे भाग में वह पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा जिसे विद्यार्थी स्वयं पढ़कर पूरा कर सकते हैं। तीसरे भाग में पाठ्यक्रम का वह होगा जिसे प्रोजेक्ट के जरिये पूरा कराया जा सकता है। पाठ्यक्रम कम होने से 1 करोड़ 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
एकेडमिक कैलेंडर बनेगा
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विषय विशेषज्ञों द्वारा शैक्षिक पंचांग के अनुसार माहवार वार्षिक एकेडमिक कैलेंडर बनाया जाएगा। इसके अनुसार पढ़ाई व मूल्यांकन की विद्यालय, जिला, मंडल और राज्यवार मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर भी तैयार किया जाएगा। विषय विशेषज्ञों से कक्षावार, अध्यायवार और विषयवार प्रश्न बैंक तैयार कराकर माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उसका मासिक, त्रैमासिक व वार्षिक मूल्यांकन किया जाएगा।
सीबीएसई-सीआईएससीई ने भी कम किया है पाठ्यक्रम
इससे पहले सीबीएसई व सीआईएससीई ने भी 30 फीसदी तक अपना सिलेबस कम किया है। दोनों बोर्ड ने अपना नया सिलेबस भी जारी कर दिया है।
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए संसाधन से जूझने वालों को मिलेगी राहत
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शासन ने यूपी बोर्ड के 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम 30 फीसदी कम कर दिए हैं। पहले के मुकाबले बचा हुआ 70 फीसदी पाठ्यक्रम तीन भाग में पढ़ाया जाएगा। नियमित कक्षाएं न शुरू हो पाने की समस्या को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शासन के पास पाठ्यक्रम कम करने का प्रस्ताव भेजा था। प्रस्ताव पर शासन ने अपनी मुहर लगा दी है।
कोरोना महामारी की वजह से शैक्षिक सत्र 2020-21 में अभी तक स्कूलों में कक्षाओं का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। शासन ने 15 जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का आदेश दे रखा हैं। लेकिन कॉलेज के साथ काफी विद्यार्थी ऐसे हैं जो संसाधनों के अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई की हालत में नहीं हैं। इसको देखते हुए पाठ्यक्रम कम करने पर मंथन किया जा रहा था।
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि शेष 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम को तीन भागों में बांटकर पूरा कराया जाएगा। पहले भाग में पाठ्यक्रम का वह भाग लिया जाएगा जिसे कक्षावार, विषयवार और अध्यायवार वीडियो बनाकर ऑनलाइन पढ़ाया गया है। उनको स्वयंप्रभा चैनल व डीडी यूपी से भी प्रसारित किया गया है।
दूसरे भाग में वह पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा जिसे विद्यार्थी स्वयं पढ़कर पूरा कर सकते हैं। तीसरे भाग में पाठ्यक्रम का वह होगा जिसे प्रोजेक्ट के जरिये पूरा कराया जा सकता है। पाठ्यक्रम कम होने से 1 करोड़ 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
एकेडमिक कैलेंडर बनेगा
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विषय विशेषज्ञों द्वारा शैक्षिक पंचांग के अनुसार माहवार वार्षिक एकेडमिक कैलेंडर बनाया जाएगा। इसके अनुसार पढ़ाई व मूल्यांकन की विद्यालय, जिला, मंडल और राज्यवार मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर भी तैयार किया जाएगा। विषय विशेषज्ञों से कक्षावार, अध्यायवार और विषयवार प्रश्न बैंक तैयार कराकर माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उसका मासिक, त्रैमासिक व वार्षिक मूल्यांकन किया जाएगा।
सीबीएसई-सीआईएससीई ने भी कम किया है पाठ्यक्रम
इससे पहले सीबीएसई व सीआईएससीई ने भी 30 फीसदी तक अपना सिलेबस कम किया है। दोनों बोर्ड ने अपना नया सिलेबस भी जारी कर दिया है।