लखनऊ _यूं तो सूबे के 25 माफिया हमेशा से डीजीपी मुख्यालय की निगरानी में रहे हैं। अब उनके गुर्गों व छोटे गिरोहों पर भी और बारीक नजर रखने को कहा गया है। हिस्ट्रीशीटर अपराधियों की समीक्षा भी शुरू की गई है। कानपुर कांड के बाद उत्तर प्रदेश में करीब 14 हजार अपराधी अब सीधे पुलिस के निशाने पर आ गए हैं। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के निर्देशों के बाद टॉप 10 अपराधियों की नए सिरे से तलाश शुरू हो गई है।
यूपी पुलिस के लिए दस्यु गिरोहों का सफाया करने के बाद माफिया दूसरी सबसे बड़ी चुनौती हैं। कुख्यात मुख्तार अंसारी, त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन कुमार, अतीक अहमद, खान मुबारक, मु.सलीम, मु.सोहराब, मु.रुस्तम, ओम प्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव, बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह, सुभाष सिंह ठाकुर, ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुन्टू सिंह, मुनीर, संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा, सुंदर भाटी उर्फ नेताजी, अनिल दुजाना, सुशील मूंछ जैसे टॉप 25 कुख्यात हमेशा से हिट लिस्ट में रहे हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार अपराधी गिरोहों की गतिविधियों के आधार पर टॉप 25 माफिया की सूची बदलती भी रहती है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार इन माफिया का आपराधिक घटनाओं से लेकर अवैध खनन व तस्करी में गहरा दखल रहा है। पुलिस की निगरानी का ही नतीजा है कि बीते दिनों में गैंगेस्टर एक्ट व गुंडा एक्ट के तहत भी लगातार बड़ी कार्रवाई गई है। करीब 14 हजार अपराधी अब सीधे पुलिस के निशाने पर आ गए हैं।
चर्चित विधायक मुख्तार अंसारी गिरोह आइएस-191 के से जुड़े 55 लोगों को पुलिस ने चिह्नित किया है। इस गिरोह के एक शूटर बृजेश सोनकर के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए कोपागंज पुलिस ने 60 लाख की संपत्ति जब्त की है। दो बाइक व दो चार पहिया वाहन को भी जब्त किया गया है। मऊ में अब तक 56 लोगों पर लगा गैंगस्टर लगाया गया है। लखनऊ में भी हजरतगंज से जुड़ी 19 संपत्तियों में मुख्तार का हाथ खंगाला जा रहा है
प्रयागराज में पुलिस रिकार्ड में पूर्व सांसद अतीक अहमद का इंटर स्टेट यानी आइएस-227 सबसे बड़ा गैंग है। इसमें उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत कुल 121 सदस्य हैं। इसके अलावा कुल 40 माफिया गैंग रजिस्टर्ड हैं। एडीजी प्रेम प्रकाश के अनुसार सबकी निगाहबीनी कराई जा रही है।
कानपुर कांड के बाद अब जेलों में बंद कुख्यातों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश डीजी जेल आनन्द कुमार ने दिए हैं। कारागार अधिकारियों से जेल में दबंगई करने और कारागार की प्रशासनिक व्यवस्था को बिगाडऩे का प्रयास करने वाले अपराधियों को सूचीबद्ध करने और उनकी सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है।
उन्होंने जेलकर्मियों की ड्यूटी लगातार बदलने और जेलों में मोबाइल फोन के पहुंचने व प्रयोग पर भी पूरी तरह से अंकुश लगाने के निर्देश दिए। ऐसा मामला संज्ञान में आने पर जेलकर्मियों पर भी कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। उन्होंने जेलों में नियमित जांच करने और किसी अपराधी द्वारा जेलकर्मी को डराने-धमकाने के किसी भी मामले की सूचना तत्काल डीएम और जेल मुख्यालय को देने के निर्देश दिए हैैं।
यूपी पुलिस के लिए दस्यु गिरोहों का सफाया करने के बाद माफिया दूसरी सबसे बड़ी चुनौती हैं। कुख्यात मुख्तार अंसारी, त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन कुमार, अतीक अहमद, खान मुबारक, मु.सलीम, मु.सोहराब, मु.रुस्तम, ओम प्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव, बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह, सुभाष सिंह ठाकुर, ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुन्टू सिंह, मुनीर, संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा, सुंदर भाटी उर्फ नेताजी, अनिल दुजाना, सुशील मूंछ जैसे टॉप 25 कुख्यात हमेशा से हिट लिस्ट में रहे हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार अपराधी गिरोहों की गतिविधियों के आधार पर टॉप 25 माफिया की सूची बदलती भी रहती है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार इन माफिया का आपराधिक घटनाओं से लेकर अवैध खनन व तस्करी में गहरा दखल रहा है। पुलिस की निगरानी का ही नतीजा है कि बीते दिनों में गैंगेस्टर एक्ट व गुंडा एक्ट के तहत भी लगातार बड़ी कार्रवाई गई है। करीब 14 हजार अपराधी अब सीधे पुलिस के निशाने पर आ गए हैं।
चर्चित विधायक मुख्तार अंसारी गिरोह आइएस-191 के से जुड़े 55 लोगों को पुलिस ने चिह्नित किया है। इस गिरोह के एक शूटर बृजेश सोनकर के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए कोपागंज पुलिस ने 60 लाख की संपत्ति जब्त की है। दो बाइक व दो चार पहिया वाहन को भी जब्त किया गया है। मऊ में अब तक 56 लोगों पर लगा गैंगस्टर लगाया गया है। लखनऊ में भी हजरतगंज से जुड़ी 19 संपत्तियों में मुख्तार का हाथ खंगाला जा रहा है
प्रयागराज में पुलिस रिकार्ड में पूर्व सांसद अतीक अहमद का इंटर स्टेट यानी आइएस-227 सबसे बड़ा गैंग है। इसमें उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत कुल 121 सदस्य हैं। इसके अलावा कुल 40 माफिया गैंग रजिस्टर्ड हैं। एडीजी प्रेम प्रकाश के अनुसार सबकी निगाहबीनी कराई जा रही है।
कानपुर कांड के बाद अब जेलों में बंद कुख्यातों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश डीजी जेल आनन्द कुमार ने दिए हैं। कारागार अधिकारियों से जेल में दबंगई करने और कारागार की प्रशासनिक व्यवस्था को बिगाडऩे का प्रयास करने वाले अपराधियों को सूचीबद्ध करने और उनकी सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है।
उन्होंने जेलकर्मियों की ड्यूटी लगातार बदलने और जेलों में मोबाइल फोन के पहुंचने व प्रयोग पर भी पूरी तरह से अंकुश लगाने के निर्देश दिए। ऐसा मामला संज्ञान में आने पर जेलकर्मियों पर भी कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। उन्होंने जेलों में नियमित जांच करने और किसी अपराधी द्वारा जेलकर्मी को डराने-धमकाने के किसी भी मामले की सूचना तत्काल डीएम और जेल मुख्यालय को देने के निर्देश दिए हैैं।