मानव विकास संस्थान, तहसील पुरवा ,जिला- उन्नाव की बैठक सम्पन्न

मानव विकास संस्थान, उत्तर प्रदेश जिला- उन्नाव के तहसील- पुरवा  यूनिट  की बैठक 26 जुलाई रविवार को  ग्राम-ऊंचगाव-किला , उन्नाव में  शासन- प्रशासन द्वारा लागू किए गए दिशा - निर्देशों का पूर्ण रूप से पालन करते हुए बैठक सम्पन्न हुई।
      
     सर्वप्रथम सभा- अध्यक्ष श्रद्धेय राम आसरे दादा जी!  को सर्वसम्मति नियुक्त किया गया तथागत भगवान गौतम बुद्ध , बोधिसत्व  बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर एवं माता रमाबाई जी के संयुक्त  चित्रों पर पुष्पार्पण  के साथ नमन- वंदन किया गया।
        मानव विकास संस्थान के  तहसील-अध्यक्ष माननीय विजय पाल(एडवोकेट) जी ने मानव विकास संस्थान  में शामिल होने वाले नए कार्य कर्ताओं को पुष्प दिला कर स्वागत कराया।   
                                        
       मानव विकास संस्थान  तहसील- पुरवा- उपाध्यक्ष मा. विजय बहादुर बौद्ध जी ने मानव विकास संस्थान के  विषय में  सविस्तार प्रकाश डाला।
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जैसे संगठन का विचार है कि  हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति, सम्प्रदाय व धर्म से नहीं है, बल्कि जाति- पांति, ऊंच- नीच, छुआ- छूत, भेद-भाव, ढोंग, पाखण्ड, अशिक्षा, अन्धविश्वास, अवैज्ञानिता एवं संविधान विरोधियों से है क्योंकि हम तथागत भगवान गौतम बुद्ध एवं बोधिसत्व बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर के अनुयायी हैं। यह हमारी मानवतावादी विचारधारा की लड़ाई अंतिम तक चलती रहेगी।   
 
              हमारे संगठन का नारा है कि- भारतीय एकता! मानव विकास!! हमारा प्रयास!!! 
                 हमारा संगठन मुख्यतः 5 बिन्दुओं पर कार्य करता है-(1)शिक्षा (2)स्वास्थ्य (3)आर्थिक समस्या (4)अन्धविश्वास-पाखण्ड यानी सामाजिक कुरीतियां (5)मानवतावादी महापुरुषों,सन्तगुरुओं तथा क्रान्तिवीरों का इतिहास के बारे में  भारतीय मूलनिवासी बहुजन समाज के लोगों को  जागरूक करना।   
                    
                                                           
        मानव विकास संस्थान के जिला-उन्नाव के वरिष्ठ कार्यकर्ता  मा. राम आसरे  बौद्ध ने बताया कि हमारे पूर्वजों से एक कहावत चली आ रही है कि अपने माल(सामान) को ताक (सुरक्षा कर)  लो। चोर को गाली मत दो। अर्थात् हम अपनी कमियों को सुधारें।स्वयं सुधरें ,परिवार को सुधारें, नाते रिश्तेदारों, साथी- दोस्तों को  सुधारें । कटु भाषा का प्रयोग न करें। समाज में भाईचारा कायम करें। अन्तर्जातीय विवाहों का बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास करें। संविधान का पालन स्वयं करते हुए दूसरों से भी पालन करवाने की भरसक कोशिश  करें। 
      
           माननीय विजय पाल (एडवोकेट) अध्यक्ष तहसील- पुरवा  मानव विकास संस्थान ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध, ज्ञानपुंज, भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी ने संवैधानिक अधिकारों के लिए शिक्षित करो। संगठित रहो।। संघर्ष करो। तीन सूत्र बताया था। जिसका पालन करना अनिवार्य है। साथ में यह भी बताया कि जुल्म करने वाले से जुल्म सहने वाला ज्यादा दोषी होता है। आप लोगों को वोट रूपी अस्त्र/ हथियार जो प्रदान किया है। उसके बल पर सब चीजों को प्राप्त कर सकते हो।

               बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर  का नाम जपने के बजाय उनकी कही हुई बातों को हमें मानना जरूरी है। जब तक हम उनकी कही हुई बातों को अमल नहीं करेंगे। तबतक मनुवादी व्यवस्था की गुलामी से छुटकारा नहीं मिल सकता है।
 संविधान की रक्षा- सुरक्षा हेतु लोकतंत्र बरकरार रखने के लिए वोट की कीमत  सभी को समझाने का प्रयास करें। अपनी बहन, बेटी एवं माता की इज्जत की तरह वोट को समझें क्योंकि गलत लोगों को चुनने के पश्चात् पछतावा के अलावा कुछ नहीं बचता है । समाज एवं देश के हित में जिसे नहीं समझते हैं। उसे वोट कतई न दें। चाहे वह सगा भाई ही क्यों न हो?                                 
             अन्त में कई नए सदस्यों द्वारा  वर्तमान में देश की स्थिति परिस्थिति के बारे में पूछे गए सवालों के जबाब में  विजय पाल (एडवोकेट) जी ने बताया कि संविधान की किताब घर- घर होना चाहिए उसे प्रतिदिन नहा- धोकर ध्यान से पढ़ना चाहिए। आज बाबा साहेब तो नहीं हैं किन्तु उनके द्वारा प्रदान किया गया सुरक्षा- कवच  अर्थात् अस्त्र/ हथियार जबतक आप के पास है। तबतक आप का विरोधी बाल बांका भी नहीं कर सकता है। जब आप को  संविधान का ज्ञान हो जाएगा। तब आप अपने दोस्त और दुश्मन को पहचान जाओगे। संविधान में दुश्मन से बचने के लिए सारे उपाय दिए हैं। सबसे बड़ा वोट का अधिकार है जिसके उचित प्रयोग से दुश्मन अधिकार विहीन हो जाएगा।        
                                     अन्त में मा.विजय पाल (एडवोकेट) जी कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाते हुए कहा कि  यदि किसी भी समाज के व्यक्ति को कोई भी परेशानी है पुरवा कार्यालय में सम्पर्क करें। मदद अवश्य की जाएगी।

                                                                                                                                                      इनके अतिरिक्त मा.सुनील कुमार कश्यप, मा.ओमप्रकाश यादव, प्रदीप कुमार(प्रधान), मा. पप्पू गौड़, राजेश कुमार कश्यप आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।                                                                                                                                                                                     अन्त  में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मा.वि.सं उ. प्र.  कार्यकारणी के सदस्य मा. जे. पी. बौद्ध जी  ने उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए, विशेष तौर से पुरवा- ब्लाक अध्यक्ष मा.सुनील कुमार कश्यप जी एवं पुरवा ब्लाक के ही महामंत्री मा. ओम प्रकाश यादव जी  को स्वागत के  साथ  संबोधित करते हुए कहा कि  कश्यप जी और यादव जी ने गत दिनों जो सामाजिक जिम्मेदारी ली है।इनसे आशा ही नहीं वरन् पूर्ण विश्वास है कि भटके हुए बहुजन समाज के लोगों को सही मार्गदर्शन कर जागरूक करेंगे। प्रदेश की ओर से आश्वासन देता हूँ कि जहां पर जिस प्रकार के सहयोग की ज़रूरत होगी। वैसा सहयोग मिलेगा। आह्वान किया कि सभी लोग मानव विकास संस्थान का उद्देश्य एवं  विचारों का प्रचार- प्रसार करें, ताकि समाज का एकीकरण हो सके।अन्त में सभाध्यक्ष के निर्देशानुसार     बैठक में शामिल सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए नारों के साथ सभा का समापन किया।

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