वाटर एम्बुलेंस एक वरदान से कम नहीं
काशी के पक्का महल जहाँ की संकीर्ण गलियों एवं तंग रास्तो में जरुरत के समय 108 एम्बुलेंस नहीं पहुँच पाती है ऐसें में पानी के रास्ते वाटर एम्बुलेंस ज़रूरतमंद लोगों को तत्काल निशुल्क चिकित्सा सहायता व दवाइयां उपलब्ध करा रही है । अत्याधुनिक उपकरणों से लैस फ्लोटिंग ICU (वाटर एम्बुलेंस) में 11 एन.डी.आर.एफ़ के पेरामेडिकल स्टाफ और महिला नर्स अपनी टीम द्वारा जरूरतमंद लोगों को घाटों पर पहुँच कर बुनियादी चिकित्सा जैसे थर्मल स्कैनिंग, स्वास्थ्य की जांच, खून की जांच, ब्लड प्रेशर, शरीर में ऑक्सीजन की उचित मात्रा का आंकलन तथा दवाइयों का निशुल्क वितरण किया जा रहा है । इसके अतिरिक्त वाटर एम्बुलेंस टीम बनारस के गंगा घाटों पर रहने वाले लोगों भिक्षुओं, मजदूरों, मल्लाहों, वृद्धजनों एवं ज़रूरतमंद लोगों को मास्क, हैण्ड ग्लव्स और सेनिटायज़र का वितरण भी कर रही है साथ ही उन्हें कोरोना संबंधी बचाव उपायों, दैनिक जीवन में बरती जाने वाली सावधानियां आदि के बारे में भी जागरूक करने का कार्य कर रही है | एन.डी.आर.एफ़ वाटर एम्बुलेंस द्वारा निशुल्क चिकित्सा के इस कार्यक्रम में निर्धन, मजदूर और घाटों पर रहने वाले बेसहारा लोगों को कोरोना काल में सभी आवश्यक चिकित्सा व उपचार के साथ–साथ चप्पलों का वितरण भी किया गया है |
मॉनसून से पहले प्रारंभ किये गए 11 एन.डी.आर.एफ़ के इस प्रयास के तहत काशी के गंगा घाटों पर दशास्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, रीवा घाट, सोमेश्वर घाट, मानसरोवर घाट, केदार घाट, चोखी घाट, शिवाला घाट, राजा घाट, तुलसी घाट जैसे 18 घाटों पर एक हज़ार से अधिक लोगों का इलाज़ किया गया और निशुल्क दवाइयां वितरित की गयीं | यह कार्यक्रम आगे भी सुचारू रूप से इसी तरह चलता रहेगा जहाँ गंगा के सभी 84 घाटों पर वाटर एम्बुलेंस निशुल्क उपचार, दवाइयों मास्क व ग्लव्स का वितरण करती रहेगी | आने वाली बाढ़ व कोरोना काल में वाटर एम्बुलेंस द्वारा दिया जा रहा निशुल्क उपचार इसलिए भी अहम् हो जाता है कि इन घाटों का सम्पर्क मुख्य शहर से टूट जाता है और वाटर एम्बुलेंस ही मात्र एक साधन है जो इन्हें त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकती है | सुधांशु मेहता फाउंडेशन द्वारा दी गयी निःशुल्क वाटर एम्बुलेंस को स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 11 एन.डी.आर.एफ़ को सौंपा गया था, जिसे प्रयागराज में कुम्भ के दौरान कई लोगों की जीवनरक्षा के लिए ‘कुम्भ के देवदूत’ के रूप में पहचाना गया था, ऐसे समय में वाटर एम्बुलेंस एक देवदूत के रूप में इन लोगों की देखभाल कर रही है और उन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को पूरा करने व त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के साथ साथ वर्तमान समय में कोरोना महामारी से कैसे बचा जाए इसके सम्बन्ध में भी काशी के लोगों को घाटों पर जागरूक कर रही है ।
वाराणसी में कोरोना मरीजों की संख्या में हो रही लगातार वृद्धि के कारण गंगा के घाटों पर ‘पक्का महल’ में बसे स्थानीय निवासियों, मल्लाहों, मजदूरों, पंडों और तंग गलियों में घाटों के आसपास रहने वाले परिवारों को बुनियादी चिकित्सा जरूरतों के लिए काफी समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है | यहाँ कई गलियों को कन्टेनमेंट जोन में परिवर्तित करने, अधिकांश निजी क्लीनिक बंद होने और सरकारी अस्पतालों को कोविड केन्द्रों में परिवर्तित करने की वजह से इन्हें बुनियादी चिकित्सा सेवा भी नहीं मिल पा रही है | इसी को मद्देनज़र रखते हुए एन.डी.आर.एफ़ वाटर एम्बुलेंस द्वारा निशुल्क चिकित्सा व दवाई वितरण का कार्यक्रम 10 जुलाई से गंगा के घाटों पर चलाया जा रहा है |
संवाददाता:- रवि कौशिक वाराणसी
काशी के पक्का महल जहाँ की संकीर्ण गलियों एवं तंग रास्तो में जरुरत के समय 108 एम्बुलेंस नहीं पहुँच पाती है ऐसें में पानी के रास्ते वाटर एम्बुलेंस ज़रूरतमंद लोगों को तत्काल निशुल्क चिकित्सा सहायता व दवाइयां उपलब्ध करा रही है । अत्याधुनिक उपकरणों से लैस फ्लोटिंग ICU (वाटर एम्बुलेंस) में 11 एन.डी.आर.एफ़ के पेरामेडिकल स्टाफ और महिला नर्स अपनी टीम द्वारा जरूरतमंद लोगों को घाटों पर पहुँच कर बुनियादी चिकित्सा जैसे थर्मल स्कैनिंग, स्वास्थ्य की जांच, खून की जांच, ब्लड प्रेशर, शरीर में ऑक्सीजन की उचित मात्रा का आंकलन तथा दवाइयों का निशुल्क वितरण किया जा रहा है । इसके अतिरिक्त वाटर एम्बुलेंस टीम बनारस के गंगा घाटों पर रहने वाले लोगों भिक्षुओं, मजदूरों, मल्लाहों, वृद्धजनों एवं ज़रूरतमंद लोगों को मास्क, हैण्ड ग्लव्स और सेनिटायज़र का वितरण भी कर रही है साथ ही उन्हें कोरोना संबंधी बचाव उपायों, दैनिक जीवन में बरती जाने वाली सावधानियां आदि के बारे में भी जागरूक करने का कार्य कर रही है | एन.डी.आर.एफ़ वाटर एम्बुलेंस द्वारा निशुल्क चिकित्सा के इस कार्यक्रम में निर्धन, मजदूर और घाटों पर रहने वाले बेसहारा लोगों को कोरोना काल में सभी आवश्यक चिकित्सा व उपचार के साथ–साथ चप्पलों का वितरण भी किया गया है |
मॉनसून से पहले प्रारंभ किये गए 11 एन.डी.आर.एफ़ के इस प्रयास के तहत काशी के गंगा घाटों पर दशास्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, रीवा घाट, सोमेश्वर घाट, मानसरोवर घाट, केदार घाट, चोखी घाट, शिवाला घाट, राजा घाट, तुलसी घाट जैसे 18 घाटों पर एक हज़ार से अधिक लोगों का इलाज़ किया गया और निशुल्क दवाइयां वितरित की गयीं | यह कार्यक्रम आगे भी सुचारू रूप से इसी तरह चलता रहेगा जहाँ गंगा के सभी 84 घाटों पर वाटर एम्बुलेंस निशुल्क उपचार, दवाइयों मास्क व ग्लव्स का वितरण करती रहेगी | आने वाली बाढ़ व कोरोना काल में वाटर एम्बुलेंस द्वारा दिया जा रहा निशुल्क उपचार इसलिए भी अहम् हो जाता है कि इन घाटों का सम्पर्क मुख्य शहर से टूट जाता है और वाटर एम्बुलेंस ही मात्र एक साधन है जो इन्हें त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकती है | सुधांशु मेहता फाउंडेशन द्वारा दी गयी निःशुल्क वाटर एम्बुलेंस को स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 11 एन.डी.आर.एफ़ को सौंपा गया था, जिसे प्रयागराज में कुम्भ के दौरान कई लोगों की जीवनरक्षा के लिए ‘कुम्भ के देवदूत’ के रूप में पहचाना गया था, ऐसे समय में वाटर एम्बुलेंस एक देवदूत के रूप में इन लोगों की देखभाल कर रही है और उन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को पूरा करने व त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के साथ साथ वर्तमान समय में कोरोना महामारी से कैसे बचा जाए इसके सम्बन्ध में भी काशी के लोगों को घाटों पर जागरूक कर रही है ।
वाराणसी में कोरोना मरीजों की संख्या में हो रही लगातार वृद्धि के कारण गंगा के घाटों पर ‘पक्का महल’ में बसे स्थानीय निवासियों, मल्लाहों, मजदूरों, पंडों और तंग गलियों में घाटों के आसपास रहने वाले परिवारों को बुनियादी चिकित्सा जरूरतों के लिए काफी समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है | यहाँ कई गलियों को कन्टेनमेंट जोन में परिवर्तित करने, अधिकांश निजी क्लीनिक बंद होने और सरकारी अस्पतालों को कोविड केन्द्रों में परिवर्तित करने की वजह से इन्हें बुनियादी चिकित्सा सेवा भी नहीं मिल पा रही है | इसी को मद्देनज़र रखते हुए एन.डी.आर.एफ़ वाटर एम्बुलेंस द्वारा निशुल्क चिकित्सा व दवाई वितरण का कार्यक्रम 10 जुलाई से गंगा के घाटों पर चलाया जा रहा है |
संवाददाता:- रवि कौशिक वाराणसी