नेपाली नागरिकों को बनारस में विहिसे की धमकी, चस्‍पा किए गए पोस्टर

वाराणसी :- नेपाल के पीएम केपी ओली के भगवान श्रीराम को लेकर दिए गए बयान बाद पूरे भारत में रोष व्याप्त है। इसका विरोध नेपाल में तो हुआ ही भारत मे भी संत समाज , राजनैतिक संगठन और गैर राजनीतिक संगठन के साथ-साथ आम लोग भी ओली से नाराज हैं। इसका असर पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी देखने को मिला है। वाराणसी में रहने वाले नेपाली नागरिकों को धमकी दी गई है। इसके लिए विवादित पोस्टर विश्व हिंदू सेना ने जारी किया है।

ओली के बयान पर विश्व हिंदू सेना ने कड़ी आपत्ति जताते हुए चेतावनी भरा पोस्टर बनारस के सभी घाट, नेपाली मंदिर पशुपतिनाथ के दीवारों पर व उन इलाकों में लगाया है जहां नेपाली रहते हैं। पोस्टर में चेतावनी दी गई है कि ओली अपने गलत बयान पर भारतवासियों से माफी मांगे और अपना बयान वापस लें अन्यथा इसका परिणाम भारत में रहने वाले नेपालियों को भुगतना पड़ेगा। इससे घाटों पर और नेपाली मंदिर के अंदर रहने वाले नेपाली नागरिकों में काफी डर व्याप्त है। बता दें कि विश्व हिंदू सेना अक्सर अपने विवादित पोस्टरों के कारण चर्चा में रहती है। बावजूद इसके वाराणसी पुलिस कोई कार्रवाई करती नजर नहीं आती है।

आपको बता दें कि भारत नेपाल मंत्री संबंध सदियों से चला आ रहा है और इसमें काशी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की तर्ज पर काशी के नेपाली खपड़ा घाट किनारें हूबहू वैसा ही विशाल व ऐतिहासिक मंदिर है जहां हजारों की संख्या में नेपाली पीढ़ियों से रहते आ रहे हैं। यही नहीं आज भी नेपाल से लोग भारत में बिना किसी वीजा के सीधे व्यापार करने आते हैं तो वहीं धार्मिक आस्था भी जुड़ी हुई है। काशी में नेपालियों का एक अलग मुहल्ला है जहां भारी संख्या में नेपाली निवास करते हैं। अगर कहा जाय कि पीढ़ियों से यहां वास करने वाले नेपाली काशी का एक अंग हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।

विश्व हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक का कहना है कि ओली का बयान बचकाना और निंदनीय है। उन्हें पता है कि अयोध्या कहाँ है लेकिन वो चीन के इशारों पर नाचने वाली कठपुतली बन गए हैं और भारत विरोधी घृणित कार्य कर रहे हैं और नेपाल को पाकिस्तान बनाना चाहते हैं। ऐसे में नेपाल के पीएम ओली का बयान निंदनीय है। विहिसे निंदा करने के साथ-साथ उनको चेतावनी देता है कि अगर वो अपना बयान तत्काल वापस नही लेते हैं तो भारत में रह रहे नेपालियों को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा इसके जिम्मेदार खुद ओली होंगे नहीं तो भारतवासियों से माफी मांगे और अपना बयान वापस लें।


संवाददाता:- रवि कौशिक वाराणसी

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