बनारस के कप्तान डॉ.अमित ने वैश्विक डिप्लोमेसी को धूमिल करने की मंशा वाले मर्ज को डोज दिया

वाराणसी :-  मीडिया की सुर्खियां बटोरने की ललक अब सड़क छाप खददरधारियों में बढ़ती जा रही है। इसीलिये इनका मन भी बढ़ गया है और रोज कुछ न कुछ उटपटांग करके सुर्खियां बटोरने का काम ये चवन्नी छाप नेता कर रहे हैं। इन छुटभैये नेताओं को वैश्विक डिप्लोमेसी का रत्ती भर भी ज्ञान नहीं है। इनके एक गैरवाजिब कदम से वैश्विक पटल पर भारत की छवि कितनी धूमिल होगी इसका अंदाजा भी इन्हें नहीं होगा। भारत नेपाल के सम्बंध बड़े भाई और छोटे भाई जैसे है। नेपाली गोरखाओं की दो रेजिमेंट 3जीआर और 9 जीआर के नेपाली रणबाँकुरे भारत के लिए मरने में अपनी आन बान और शान समझते हैं। नेपाल के एक वामपरस्त प्रधानमंत्री के द्वारा भगवान श्री राम पर दिया बयान उनके दिमागी दिवालियेपन की निशानी है। लेकिन कम से कम हम तो अपना दिमागी दिवालियापन न दिखाये। माना कि वो चीन के बहकावे में है लेकिन हम क्यों बहक गये। हम इसलिये बहके कि हमारी उटपटांग हरकतों को हम ही आप तरजीह दे रहे हैं तभी तो बनारस में ताजा मामला नेपाल के निरीह नागरिक का सर मुंडवा कर उसपर जयश्री राम लिखवाकर और उससे नेपाली प्रधानमंत्री मुर्दाबाद के नारे लगवाकर हम बेमतलब सुर्खियां बटोरना चाहते हैं। मामले की नजाकत रिश्तों की गम्भीरता और वैश्विक डिप्लोमेसी की नब्ज बखूबी टटोलने वाले काशी के कप्तान डॉ.अमित ने बेमतलब मशहूर होने के मर्ज को पकड़ लिया है। तत्काल उन्होंने इस पूरे प्रकरण का मोबाइल से वीडियो बनाने वाले सन्तोष पांडेय को घसियारी टोला से गिरफ्तार कराया। इस बेजा हरकत के मास्टर माइंड तथाकथित विश्व हिन्दू सेना के स्वयंभू राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण पाठक के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करते हुए भेलूपुर थाने में धारा 505(2), 295 और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया। साथ ही पुलिस सरगर्मी से सिरफिरे की तलाश कर रही है। लगातार दबिश जारी है। अपनी नेतागिरी को शिव के नाम पर चमकाने वाले इन नेताओं को ये नहीं मालूम कि शिव के गले में पड़ा रुद्राक्ष नेपाल से ही आता है काशी के हर व्यक्ति के गले में रुद्राक्ष की माला हमेशा होती है।


 संवाददाता:-  रवि कौशिक वाराणसी

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